Tag Archives: Flowers Poems for Students

नव वर्ष मुबारक: शबनम शर्मा

New Year Eve Party: Celebrating New Year

नव वर्ष मुबारक: शबनम शर्मा – यूं तो पूरे विश्व में नया साल अलग-अलग दिन मनाया जाता है, और भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में भी नए साल की शुरूआत अलग-अलग समय होती है। लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी से नए साल की शुरूआत मानी जाती है। चूंकि 31 दिसंबर को एक वर्ष का अंत होने के बाद 1 …

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नव वर्ष की अभिलाषा: प्रतिमा पाण्डेय

Hindi poetry about New Year Wishes नव वर्ष की अभिलाषा

नव वर्ष की अभिलाषा: प्रतिमा पाण्डेय – ऐसे तो अलग अलग दिनों पर पूरी दुनिया में नया साल मनाया जाता है। हमारे देश में विभिन्न क्षेत्रों में अलग अलग वक़्त पर नए साल की शुरुआत होती है। लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 31 दिसंबर को साल का अंत होने के बाद 1 जनवरी को नए साल की शुरुआत होती है …

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नया साल: पूर्णिमा वर्मन की नव वर्ष पर हिंदी बाल-कविता

Happy New Year Bal Kavita in Hindi नया साल

नया साल: पूर्णिमा वर्मन की नव वर्ष पर हिंदी बाल-कविता – नए साल पर कई स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें छात्रों के लिए निबंध प्रतियोगिता आदि का आयोजित की जाती हैं। अगर आप नए साल पर निबंध लिखने के कुछ बेहतरीन आइडिया ढूंढ रहे हैं तो यहां हम इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। इन्हें आप …

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Pray to What Earth: Henry David Thoreau

Pray to What Earth: Henry David Thoreau

Henry David Thoreau (July 12, 1817 – May 6, 1862) was an American naturalist, essayist, poet, and philosopher. A leading transcendentalist, he is best known for his book Walden, a reflection upon simple living in natural surroundings, and his essay “Civil Disobedience” (originally published as “Resistance to Civil Government”), an argument for disobedience to an unjust state. Thoreau’s books, articles, …

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Our Earth: Mother Earth Day Poem For Kids

Our Earth: Mother Earth Day Poem For Kids

Our Earth: Mother Earth is clearly urging a call to action. Nature is suffering. Oceans filling with plastic and turning more acidic. Extreme heat, wildfires and floods, as well as a record-breaking Atlantic hurricane season, have affected millions of people. Now we face COVID-19, a worldwide health pandemic link to the health of our ecosystem. Climate change, man-made changes to …

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बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे: गोपाल सिंह नेपाली

Gopal Singh Nepali Spring Season Hindi Film Song बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे

गोपाल सिंह नेपाली (1911 – 1963) हिन्दी एवं नेपाली के प्रसिद्ध कवि थे। उन्होने बम्बइया हिन्दी फिल्मों के लिये गाने भी लिखे। वे एक पत्रकार भी थे जिन्होने “रतलाम टाइम्स”, चित्रपट, सुधा, एवं योगी नामक चार पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। सन् १९६२ के चीनी आक्रमन के समय उन्होने कई देशभक्तिपूर्ण गीत एवं कविताएं लिखीं जिनमें ‘सावन’, ‘कल्पना’, ‘नीलिमा’, ‘नवीन …

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मन को वश में करो, फिर चाहे जो करो: रमानाथ अवस्थी

मन को वश में करो, फिर चाहे जो करो: रमानाथ अवस्थी

रमानाथ अवस्थी का जन्म फतेहपुर, उत्तरप्रदेश में हुआ। इन्होंने आकाशवाणी में प्रोडयूसर के रूप में वर्षों काम किया। ‘सुमन- सौरभ, ‘आग और पराग, ‘राख और शहनाई तथा ‘बंद न करना द्वार इनकी मुख्य काव्य-कृतियां हैं। ये लोकप्रिय और मधुर गीतकार हैं। इन्हें उत्तरप्रदेश सरकार ने पुरस्कृत किया है। मन की चंचलता सर्व विदित है। अध्यात्म सागर पर भी कई बार …

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मेरी प्यारी माँ: मातृ दिवस हिंदी बाल-कविता

मेरी प्यारी माँ तू कितनी प्यारी है

दिवस, मातृ और दिवस शब्दों से मिलकर बना है जिसमें मातृ का अर्थ है मां और दिवस यानि दिन। इस तरह से मातृ दिवस का मतलब होता है मां का दिन। पूरी दुनिया में मई माह के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता है। मातृ दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य मां के प्रति सम्मान और प्रेम को प्रदर्शित करना …

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माँ तो माँ होती है: मातृ दिवस पर कविता

माँ तो माँ होती है - ओम प्रकाश बजाज

मातृ दिवस माता को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। एक मां का आँचल अपनी संतान के लिए कभी छोटा नहीं पड़ता। माँ का प्रेम अपनी संतान के लिए इतना गहरा और अटूट होता है कि माँ अपने बच्चे की खुशी के लिए सारी दुनिया से लड़ लेती है। एक मां का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है, …

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मेरी माँ: मातृ दिवस पर बाल-कविता

मेरी माँ - प्रभगुन सिंह - Short Hindi Poem on Mother

मातृ दिवस मनाने का शुरुआत सर्वप्रथम ग्रीस देश में हुई थी, जहां देवताओं की मां को पूजने का चलन शुरु हुआ था। इसके बाद इसे त्योहार की तरह मनाया जाने लगा। हर मां अपने बच्चों के प्रति जीवन भर समर्पित होती है। मां के त्याग की गहराई को मापना भी संभव नहीं है और ना ही उनके एहसानों को चुका …

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