झाँसी की रानी: सुभद्रा कुमारी चौहान की वीर रस कविता – Subhadra Kumari Chauhan has authored a number of popular works in Hindi poetry. Her most famous composition is Jhansi Ki Rani, an emotionally charged poem describing the life of Rani Lakshmi Bai. The poem is one of the most recited and sung poems in Hindi literature. This and her …
Read More »विद्रोह: प्रसिद्ध नारायण सिंह जी की भोजपुरी कविता
विद्रोह: प्रसिद्ध नारायण सिंह – I recently visited Jhansi and as I am a great admirer or Rani Laxmibai, I went to see her palace, Jhansi Fort and museum. In the museum, I found a very nice poetry book related to the first freedom fight of India in 1857. In this book I found a truly remarkable poem in Bhojpuri, …
Read More »हिंदी दिवस Short Poem on Hindi Divas
हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दिन भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदू भाषा को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा घोषित किया था। भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया। हालांकि इसे 26 …
Read More »गौरी पुत्र गजानन देवात महान: मराठी भजन
गौरी पुत्र गजानन देवात महान हा शिवपुत्र गजानन देवातं महान, मंगल मंगल बोला मंगल मंगल ॥धृ॥ मुगुटाला हिरे शोभे रत्नजडितांचे, कानात कुंडल तेज पडे सुर्याचे, हो पडे सुर्याचे, गणपतीच्या गळ्यामध्ये शोभे पुष्पमला ॥१॥ गणपतीच्या भाळी शोभे केशराचा टिळा पिवळा पितांबर कटी शोभुनी दिसला पायात पैंजण आवाज रुणझुण झाला ॥२॥ शमी पत्री दुर्वा हरळी आवड मनाची सर्वांगी उटी शोभे लाल शेंदुराची, …
Read More »श्री गणेश मन्त्र एवं आराधना
श्री गणेश मन्त्र एवं आराधना सुखकर्ता दुखकर्ता वार्ता विघ्नाची। नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची। सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची। कंठी झळके माळ मुक्ताफळाची ॥१॥ जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती। दर्शनमात्रे मनकामना पुरती ।धृ०। रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा। चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा। हिरे जडित मुकुट शोभतो बरा। रुणझुणती नुपुरे चरणी घागरिया। जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती। दर्शनमात्रे मनकामना पुरती ॥धृ०॥२॥ लंबोदर …
Read More »श्री गणेशाचे भजन: लोकप्रिय मराठी भजन
श्री गणेशाचे भजन: लोकप्रिय मराठी भजन मंगलमूर्ती माझे आई, मजला ठाव द्याव पायीं॥१॥ सिद्धीबुद्धि मयुरामाई, मलजा ठाव द्यावा पायी॥२॥ श्रीगजानन जय गजानन, जय गजानन मोरया॥३॥ श्रीगणनाथ जय गणनाथ। मीं अपराधी घ्या पदरांत॥४॥ श्रीगजाननपद सेवावे, काया वाचा मनोभावें॥५॥ हेरंबमाय दाखवि पाय, दुजवीण मगेना करूं मीं काय॥६॥ गजानन, गजानना, पार्वतीच्या नंदना मोरया गजानना॥७॥ धांवत ये वा गणराया, दीनाते मज ताराया॥८॥ पायीं हळूहळू …
Read More »आरती श्री गणेश जी की: Lord Ganesha Aarti
आरती श्री गणेश जी की जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ एक दंत दयावन्त, चार भुजा धारी। मस्तक सिन्दूर सोहे, मुसे की सवारी॥ जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ पान चढ़े फूल चढ़े, और चढ़े मेवा। …
Read More »श्री गणेश चालीसा: Ganesh Chalisa Lyrics in Hindi
Shri Ganesh Chalisa (श्री गणेश चालीसा): Lord Ganesha is the son of Lord Shiva and the Divine Mother Parvati. Ganesh Chalisa (गणेश चालीसा) means “Forty verses (chaupais) on Ganesha. Lord Ganesh removes all obstacles and ensures success in human endeavors. He is an archetype of Wisdom and Beneficence. Ganesha removes all obstacles and ensures success in human endeavors. He is …
Read More »यह कदम्ब का पेड़: सुभद्रा कुमारी चौहान
यह कदम्ब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे। मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे॥ ले देतीं यदि मुझे बांसुरी तुम दो पैसे वाली। किसी तरह नीची हो जाती यह कदंब की डाली॥ यह कदम्ब का पेड़: सुभद्रा कुमारी चौहान तुम्हें नहीं कुछ कहता पर मैं चुपके-चुपके आता। उस नीची डाली से अम्मा ऊँचे पर चढ़ जाता॥ वहीं …
Read More »सभा का खेल: सुभद्रा कुमारी चौहान की हिंदी बाल-कविता
सभा सभा का खेल आज हम, खेलेंगे जीजी आओ। मैं गांधी जी छोटे नेहरू, तुम सरोजिनी बन जाओ॥ सभा का खेल: सुभद्रा कुमारी चौहान मेरा तो सब काम लंगोटी, गमछे से चल जायेगा। छोटे भी खद्दर का कुर्ता, पेटी से ले आयेगा॥ लेकिन जीजी तुम्हें चाहिये, एक बहुत बढ़िया सारी। वह तुम मां से ही ले लेना, आज सभा होगी …
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