होली यूं मनायेंगे - सुजीत सिंह

होली यूं मनायेंगे: सुजीत सिंह की होली पर बाल कविता

होली यूं मनायेंगे – कविता: होली का त्यौहार हिन्दू धर्म में बहुत महत्व रखता है तथा इस त्यौहार से कई तरह की धार्मिक मान्यताएं भी जुड़ी हुई है जिसकी वजह से इस त्यौहार को मनाया जाता है। होली हर साल मार्च के महीन में पड़ती है छोटी होली के दिन होलिका दहन किया जाता है उसके बाद बड़ी होली को रंगो व गुलाल के साथ होली खेली जाती है।

होली यूं मनायेंगे: होली के त्यौहार पर हिंदी बाल कविता

रंग की फुहार है, गीत की बहार है।
बॉंटता जो प्यार है, होली का त्यौहार है।
धूम ही मचायेंगे, होली यूं मनायेंगे॥

यारों की टोली में, गॉंव की होली में।
हाथों में रंग लिये, पिचकारी संग लिये।
झूमझूम गायेंगे, होली यूं मनायेंगे॥

गॉंव की जो गोरियॉं, भाभी और छोरियां।
देख रंग हाथों में, घुस गई अहातों में।
दरवज्जा तुडवायेंगे, होली यूं मनायेंगे॥

रंग लगा गालों में, भर अबीर बालों में।
बीती बात भूल गये, हम गले से झूल रहे।
भेद सब मिटायेंगे, होली यूं मनायेंगे॥

पंहुचे नदी के घाट पर, भंगिया को बॉंट कर।
छान कर डटाई है, मस्ती खूब छाई है।
गीत गुनगुनायेंगे, होली यूं मनायेंगे ॥

कधे पर शर्ट टॉंग, धर के विचित्र स्वांग।
होंठों पर गीत फाग, ढपली पर बजे राग।
तुमको नचवायेंगे, होली यूं मनायेंगे ॥

बाटी और दाल है, चूरमा कमाल है।
पत्तों की थाली है, गंध भी मतवाली है।
डट के खूब खायेंगे, होली यूं मनायेंगे॥

रंग की फुहार है, गीत की बहार है।
बॉंटता जो प्यार है, होली का त्यौहार है।
धूम ही मचायेंगे, होली यूं मनायेंगे॥

सुजीत सिंह

होली का पर्व हिन्दुओं के द्वारा मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। होली पूरे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाने वाला त्योहार है। हर भारतवासी होली का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। सभी लोग इस दिन अपने सारे गिले, शिकवे भुला कर एक दुसरे को गले लगाते हैं। होली के रंग हम सभी को आपस में जोड़ता है और रिश्तों में प्रेम और अपनत्व के रंग भरता है। हमारी भारतीय संस्कृति का सबसे ख़ूबसूरत रंग होली के त्योहार को माना जाता है। सभी त्योहारों की तरह होली के त्योहार के पीछे भी कई मान्यताएं प्रचलित है।

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