Stories For Kids

परोपकार – श्री पारसनाथ सरस्वती

पितृ दिवस पर कहानी: बाबूजी

यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति कि है जो बहुत गंदा रहता था। मैली धोती और फटा हुआ कुर्ता पहनता था। सिर पर कपड़े की टोपी पहनता था जिसमे एक सुराख भी था। वह बहुत बुड़ा हो गया था और उसकी कमर कमान बन गयी थी। बाल बिलकुल सफेद और मुंह में दांत भी न रहे थे। चहरे पर झुर्रियां पड़ी …

Read More »

गुरु दक्षिणा – डॉ. मंजरी शुक्ला

Heart Touching Story of A Teacher and A Student गुरु दक्षिणा

शब्दों से क्या होता हैं वो तो मुँह से निकलते हैं और ब्रह्मांड में विलीन हो जाए हैं। अगर हम चाहे तो हम पर असर करते हैं वरना अगर हम कर्ण जैसा कवच बहरेपन का कस कर अपने कानों से चिपका ले तो मौज ही मौज हैं… आखिर बेचारा सामने वाला भी कितना बकर बकर करेगा, खुद ही चल देगा …

Read More »

रैडफ़ोर्ट पर फ़्लैग होस्टिंग: एक हास्य व्यंग

रैडफ़ोर्ट पर फ़्लैग होस्टिंग: एक हास्य व्यंग

15 अगस्त मार्निंग 8 बजे हमारी कन्ट्री के पी.एम. साहब रैडफ़ोर्ट पर आएंगे। फ्लैग होस्टिंग भी होगा और कन्ट्री की कंडीशन पर पी.एम. साहब अपनी स्पीच भी देंगे। वैसे पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी हैजा फैलने के कारण दिल्ली में सफाई अभियान चल रहा है और किस निकम्मे अधिकारी ने दिल्ली में हैजा फ़ैलाने में विदेशी हाथ को …

Read More »

ईमानदारी – स्वतंत्रता दिवस समारोह की कहानी

ईमानदारी - स्वतंत्रता दिवस समारोह की कहानी

विक्की अपने स्कूल में होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह को ले कर बहुत उत्साहित था। वह भी परेड़ में हिस्सा ले रहा था। दूसरे दिन वह एकदम सुबह जग गया लेकिन घर में अजीब सी शांति थी। वह दादी के कमरे में गया, लेकिन वह दिखाई नहीं पड़ी। “माँ, दादीजी कहाँ हैं?” उसने पूछा। “रात को वह बहुत बीमार हो …

Read More »

राखी – मंजरी शुक्ला

Heart Touching Humorous Short Story in Hindi - Rakhi राखी

जब भी टूटू आस पड़ोस के दोस्तों के हाथों में रंगबिरंगी राखियाँ सजी हुई देखता तो अचानक ही उदास हो जाता। उसका रुँआसा चेहरा देखकर उसकी मम्मी भी दुखी हो जाती और हर साल की तरह उसे समझाती – “मुझे पता हैं कि तुझे कोई राखी बाँधने वाला नहीं हैं पर तू इस तरह से त्यौहार के दिन उदास बैठा …

Read More »

दोस्ती – मंजरी शुक्ला Distrust in Friendship

Hindi Wisdom Story about Distrust in Friendship दोस्ती - मंजरी शुक्ला

रविवार के दिन का सभी बच्चों को बेसब्री से इंतज़ार रहता था। आख़िर रहे भी क्यों ना, दादाजी की मज़ेदार कहानियाँ उन्हें इसी दिन तो आराम से बैठकर सुनने को मिलती थी। जैसे ही शाम के चार बजे, सभी बच्चे दौड़कर उनके घर पहुँच गए। हमेशा की तरह दादाजी ने उन सबका हाल चाल पूछा, पर शांतनु एक कोने में …

Read More »

प्रायश्चित Heart-rending Story of Repentance

प्रायश्चित Heart-rending Story of Repentance

ज़रूरी नहीं है कि जैसे सपने कभी सच हो जाते हैं और उनींदी पलकों पर मोती बनकर ठहर जाते हैं, वैसे ही आँखें खोलने पर भी मुमकिन हो जाए। सत्य और असत्य का रिश्ता भी बहुत गहरा होता है। अपने आत्मविश्वास के साथ पूरे मन से अगर कोई असत्य बात भी कहता है, तो वह सत्य प्रतीत होती है। मेरे …

Read More »

समृद्धि – अच्छी सीख देने वाली एक कहानी

समृद्धि - अच्छी सीख देने वाली एक कहानी

अनंतमूर्ति नाम के युवक ने किसी बड़ी कम्पनी में आवेदन किया। आवेदन किसी वरिष्ठ पद के लिए था। शुरुआती परीक्षाएं और इंटरव्यू पास कर लेने के बाद उसे फाइनल इंटरव्यू के लिए कम्पनी के निदेशक के पास भेजा गया। निदेशक ने उसके शैक्षणिक रिकार्ड देखे और पूछा, “क्या तुम्हें स्कूल-कालेज में छात्रवृति मिलती थी?” अनंतमूर्ति ने ‘नहीं’ कहा और यह …

Read More »

सपनों का गोला – एक रोचक बाल कहानी

सपनों का गोला - एक रोचक बाल कहानी

नीली घाटी के पीछे का हरा भरा मैदान में चूहों की बस्ती थी। चीची चूहा उनका मुखिया था जो बड़ा ही बहादुर और समझदार था और सबकी मदद करने में सबसे आगे रहता था। रोज़ की तरह आज भी वो अपने दोस्तों के साथ नदी के किनारे लम्बी हरी घास में लुका- छिपी का खेल खेल रहा था कि अचानक उसका संतुलन बिगड़ …

Read More »