Poems In Hindi

बच्चों की हिन्दी कविताएं — 4to40 का हिन्दी कविताओ का संग्रह | Hindi Poems for Kids — A collection of Hindi poems for children. पढ़िए कुछ मजेदार, चुलबुली, नन्ही और बड़ी हिंदी कविताएँ. इस संग्रह में आप को बच्चो और बड़ो के लिए ढेर सारी कविताएँ मिलेंगी.

अँधेरे का दीपक – हरिवंश राय बच्चन

अँधेरे का दीपक - हरिवंश राय बच्चन

है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है? कल्पना के हाथ से कमनीय जो मंदिर बना था, भावना के हाथ से जिसमें वितानों को तना था, स्वप्न ने अपने करों से था जिसे रुचि से सँवारा, स्वर्ग के दुष्प्राप्य रंगों से, रसों से जो सना था, ढह गया वह तो जुटाकर ईंट, पत्थर कंकड़ों को एक अपनी शांति की …

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अनोखा घर – प्रतिक दुबे

सबका अपना होता है, सबको रहना होता है, और जहाँ सुख-दुःख होता है, वह अनोखा घर होता है। चार-दीवार के अंदर रहते सब, समय पता नही बीत जाता है कब, वह अनोखा घर होता है। जहाँ सब अपना काम करते है, मिल-जुलकर साथ हमेशा रहते है, वह अनोखा घर होता है। आज मनुष्य की हरकतों से घर बिखरता जा रहा …

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अमरुद बन गए – डॉ. श्री प्रसाद

अमरुद बन गए - डॉ. श्री प्रसाद

आमों के अमरुद बन गए अमरूदों के केले मैंने यह सब कुछ देखा है आज गया था मेले बकरी थी बिलकुल छोटी सी हाथी की थी बोली मगर जुखाम नहीं सह पाई खाई उसने गोली छत पर होती थी खों खों खों मगर नहीं था बन्दर बिल्ली ही यों बोल रही थी परसो मेरी छत पर गाय नहीं करती थी …

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आलपिन का सिर होता – रामनरेश त्रिपाठी

आलपिन के सर होता पर बाल नहीं होता है एक, कुर्सी के टाँगे है पर फूटबाल नहीं सकती है फेंक। कंघी के है दांत मगर वह चबा नहीं सकती खाना, गला सुराही का है पतला किन्तु न गए सकती गाना। जूते के है जीभ मगर वह स्वाद नही चख सकता है, आँखे रखते हुए नारियल कभी न कुछ लिख सकता …

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ऐसा नया साल – मनोज भावुक

अबकी आए ऐसा नया साल, हो जाए हर गाँव शहर खुशहाल। भइया के मुँह से फूटे संगीत, भौजी के कंगना से खनके ताल। आए रे आए ऐसा मधुमास, फूल खिलाए ठूंठ पेड़ के डाल। झूम-झूम के नाचे मगन किसान, इतना लदरे जौ गेहूँ के बाल। दिन सोना के चाँदी के हो रात, हर अंगना मे ऐसा होए कमाल। मस्ती मे …

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अगर होता मैं – राहुल राज पसरीचा

गर होता मै नन्हा पंछी, छूता नभ को पंख पसार। डालो पर भी गाता रहता, आ जाती जब मस्त बहार। गर होता मै फूल बाग का, जग को मै सिखलाता प्यार। मिट न सके गंध ये मेरी, देता सब को ये उपहार॥ गर होता मै शूल फूल का, सबको मै सिखलाता वार। शत्रु को काम कभी न समझो, शस्त्र को …

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अभागा – गगन गुप्ता ‘स्नेह’

maOM tao ABaagaa qaa maUk¸ isqar AaOr laacaar kuC kh panao maoM Asamaqa- qaa AaOr samaJa na payaa tumharI yao kuiTla caala mauJao samaaPt krnao kI maOM maUk qaa¸ prntu kainthIna nahIM maoro hI saayao maoM tuma baD,o hue yaad Aata hO tumakao jaoz kI ]masa BarI daophr maoM jaba tuma yahaM Kola krto qao maora spSa- tumakao ja$r yaad …

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आसमान – गोविन्द भारद्वाज

नीला-नीला आसमान है, नीचे सुन्दर एक जहान है। बादल रहते इसके संग, कितना अच्छा इसका संग। पंछी ऊँची उड़ान भरे भला इनका भगवान करे। चाँद-तारों का है यह घर, सूरज रहे लटका दिन-भर। छिपा इसमें खगोल बड़ा, पीछे इसके भूगोल बड़ा। इसे छूने का अरमान है, नीला-नीला आसमान है। ∼ गोविन्द भारद्वाज

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आसान रास्ते – विक्रम मुरारक

आसान रास्ते कोई और चुने उनपर कोई और चले। मुझे चाहिए वह रास्ता जिसमें कांटें हों, कंकर और पत्थर हों जो भयानक जंगलो से गुजरे उस पार कोई ऐसा सूरज है कोई ऐसी दुनिया है जो किसी ने नहीं देखी है। शायद मै मर जाऊं, घायल होकर गिर जाऊं! तो क्या? ∼ विक्रम मुरारक

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