Neelam Jain

२३ अक्तूबर १९५८ को जनमी नीलम भारत में उत्तर प्रदेश के उस हिस्से से हैं जो अब उत्तरांचल प्रदेश के नाम से जाना जाता है। वे आजकल न्यूजर्सी अमरीका में अध्यापन और सामाजिक कार्य में संलग्न हैं। कविताएँ पढ़ने लिखने के अतिरिक्त चित्रकारी में उनकी रूचि है तथा संगीत को वे जीवन का अभिन्न अंग मानती हैं।

ऋतु होली की आई: नीलम जैन

ऋतु होली की आई: नीलम जैन

ऋतु होली की आई: इस दिन लोग प्रात:काल उठकर रंगों को लेकर अपने नाते-रिश्तेदारों व मित्रों के घर जाते हैं और उनके साथ जमकर होली खेलते हैं। बच्चों के लिए तो यह त्योहार विशेष महत्व रखता है। वह एक दिन पहले से ही बाजार से अपने लिए तरह-तरह की पिचकारियां व गुब्बारे लाते हैं। बच्चे गुब्बारों व पिचकारी से अपने …

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रंग उड़ाती आई होली: नीलम जैन की होली पर कविता

रंग उड़ाती आई होली: नीलम जैन की होली पर कविता

रंग उड़ाती आई होली: त्यौहारों का मज़ा तब ही है, जब वे ख़ुशियों के साथ संपन्न हों। होली है तो रंग भी होंगे। रंगों के साथ हुड़दंग भी होगा, ढोल−ताशे भी होंगे। यही सब तो होली की रौनक़ है। होली रंगों का त्यौहार है, हर्षोल्लास का त्यौहार है, उमंग का त्यौहार है। लेकिन दुख तो तब होता है, जब ज़रा …

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