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तुम्हारी उम्र वासंती – दिनेश प्रभात

लिखी हे नाम यह किसके, तुम्हारी उम्र वासंती? अधर पर रेशमी बातें, नयन में मखमली सपने। लटें उन्मुक्त­सी होकर, लगीं ऊंचाइयाँ नपनें। शहर में हैं सभी निर्थन, तुम्हीं हो सिर्फ धनवंती। तुम्हारा रूप अंगूरी तुम्हारी देह नारंगी। स्वरों में बोलती वीणा हँसी जैसे कि सारंगी। मुझे डर है न बन जाओ कहीं तुम एक किंवदंती। तुम्हें यदि देख ले तो, …

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विज्ञान विद्यार्थी का प्रेम गीत – धर्मेंद्र कुमार सिंह

अवकलन समाकलन फलन हो या चलन­कलन हरेक ही समीकरण के हल में तू ही आ मिली। घुली थी अम्ल क्षार में विलायकों के जार में हर इक लवण के सार में तू ही सदा घुली मिली। घनत्व के महत्व में गुरुत्व के प्रभुत्व में हर एक मूल तत्व में तू ही सदा बसी मिली। थी ताप में थी भाप में …

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ईश्वर की मर्जी-God’s Will

God's Will

ईश्वर की मर्जी-God’s Will एक बच्चा अपनी माँ के साथ एक दुकान पर शॉपिंग करने गया तो दुकानदार ने उसकी मासूमियत देखकर उसको सारी टोप्फ़ियों के डिब्बे खोलकर कहा कि लो बेटा टॉफियां ले लो, पर उस बच्चे ने भी बड़े प्यार से उन्हें मना कर दिया| इसके बावजूद उस दूकानदार और उसकी माँ ने भी उसे बहुत कहा पर वह मना …

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गाँव के कुत्ते – सूंड फैजाबादी

हे मेरे गाँव के परमप्रिय कुत्ते मुझे देख–देख कर चौंकते रहो और जब तक दिखाई पडूं भौंकते रहो, भौंकते रहो, मेरे दोस्त भौंकते रहो। इसलिए की मैं हाथी हूं गाँव भर का साथी हूं बच्चे, बूढ़े, जवान, सभी छिड़कते हैं जान मगर तुम खड़ा कर रहे हो विरोध का झंडा बेकार का वितंडा। अपना तो ऐसे–वैसों से कोई वास्ता नहीं …

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गाँव की तरफ – उदय प्रताप सिंह

कुछ कह रहे हैं खेत और खलियान गाँव की तरफ, पर नहीं सरकार का है ध्यान गाँव की तरफ। क्या पढ़ाई‚ क्या सिंचाई‚ क्या दवाई के लिये, सिर्फ काग़ज़ पर गए अनुदान गाँव की तरफ। शहर में माँ–बाप भी लगते मुसीबत की तरह, आज भी मेहमान है मेहमान गाँव की तरफ। इस शहर के शोर से बहरे भी हो सकते …

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Arjun Vishaad Yog-Bhagavad Gita Chapter 1

Arjun Vishaad Yog-Bhagavad Gita Chapter 1

Arjun Vishaad Yog-Bhagavad Gita Chapter 1 [Observing the Armies on the Battlefield of Kurukshetra] Dhrtarastra Said > Shaloka: 1 English O Sanjay, after assembling in the place of pilgrimage at Kuruksetra, what did my sons and sons of Pandu do, being desirous to fight? Purport Bhagavad-gita is the widely read theistic science summarized in the Gita-mahatmya (Glorification of the Gita …

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संतरा बढ़ाये रोग ­प्रितरोधक क्षमता-Benefits Of Orange Fruit

संतरा बढ़ाये रोग ­प्रितरोधक क्षमता-Benefits Of Orange Fruit

संतरा बढ़ाये रोग ­प्रितरोधक क्षमता-Benefits Of Orange Fruit गर्मी हो या सर्दी, संतरा हद मौसम में उपलब्द होता है| इसमें विटामिन ‘सी’ तो प्रचुर मात्रा में पाया ही जाता है वितमिव ‘ऐ’, ‘बी’, ‘आयरन’ और कैल्शियम भी पाया जाता है| संतरा रक्तकोशिकाओं को लाल रंग प्रदान करने क साथ ­ साथ खून को शुद्ध करने में भी सहायक है| प्रतिदिन …

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जीवन तो कभी भी नष्ट हो जाएगा-Life May End Any Moment

जीवन तो कभी भी नष्ट हो जाएगा-Life May End Any Moment

जीवन तो कभी भी नष्ट हो जाएगा-Life May End Any Moment संत और सज्जन पुरुष जब ज्ञान को धारण करते है तो उनके मन में सम्मान का मोह और मद नष्ट हो जाता है पर वही ज्ञान दुष्टो को अहंकारी बना देता है| जिस प्रकार एकांत स्थान योिगयों को साधना के लिए प्रेिरत करता है वैसे कामी पुरुषों की काम …

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गिरिधर की कुंडलियाँ – गिरिधर कविराय

लाठी में गुण बहुत हैं, सदा राखिये संग गहरी नदी, नारा जहाँ, तहाँ बचावै अंग तहाँ बचावै अंग, झपटि कुत्ता को मारै दुशमन दावागीर, होय तिनहूँ को झारै कह गिरिधर कविराय, सुनो हो धूर के बाठी सब हथियारन छाँड़ि, हाथ में लीजै लाठी दौलत पाय न कीजिये, सपने में अभिमान चंचल जल दिन चारि को, ठाँउ न रहत निदान ठाँउ …

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गीत का पहला चरण हूं – इंदिरा गौड़

गुनगुनाओ तो सही तुम तनिक मुझको मैं तुम्हारे गीत का पहला चरण हूं। जब तलक अनुभूत सच की शब्द यात्रा है अधूरी झेलनी है प्राण को गंतव्य से तब तलक दूरी समझ पाया आज तक कोई न जिसको उस अजानी सी व्यथा का व्याकरण हूं। अधिकतर संबंध ऐसे राह में जो छोड़ देते प्राण तक गहरे न उतरें सतह पर …

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