Tag Archives: Hope Poems for Children

अपने ही मन से कुछ बोलें: अटल की आत्म चिंतन कविता

अपने ही मन से कुछ बोलें - अटल बिहारी वाजपेयी

Atal Jis poems have special significance. He was leader of a country of one billion people; a seasoned politician who would have seen all that is to be seen on this earth. It is admirable that he retained the sensitivity of heart as a poet too, a member of the rare breed of philosopher kings. I was specially moved by …

Read More »

मजदूर दिवस पर हिंदी कविता: मैं एक मजदूर हूं

मजदूर दिवस पर हिंदी कविता - मैं एक मजदूर हूं

विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस “1 मई” के दिन मनाया जाता है। किसी भी देश की तरक्की उस देश के किसानों तथा कामगारों (मजदूर / कारीगर) पर निर्भर होती है। एक मकान को खड़ा करने और सहारा देने के लिये जिस तरह मजबूत “नीव” की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, ठीक वैसे ही किसी समाज, देश, उद्योग, संस्था, व्यवसाय को …

Read More »

हल्दीघाटी: पंचदश सर्ग – श्याम नारायण पाण्डेय

हल्दीघाटी: पंचदश सर्ग - श्याम नारायण पाण्डेय

Shyam Narayan Pandey (1907 – 1991) was an Indian poet. His epic Jauhar, depicting the self-sacrifice of Rani Padmini, a queen of Chittor, written in a folk style, became very popular in the decade of 1940-50. पंचदश सर्ग: सगपावस बीता पर्वत पर नीलम घासें लहराई। कासों की श्वेत ध्वजाएं किसने आकर फहराई? ॥१॥ नव पारिजात–कलिका का मारूत आलिंगन करता कम्पित–तन …

Read More »

दीपक जलाना कब मना है: हरिवंश राय बच्चन

दीप मेरे जल अकम्पित (दीप शिखा): महादेवी वर्मा

Calamities come in every one’s life. There could be death of a near and dear one or losing love of one’s life. Desperation may follow and everything may look dark and hopeless. Here Bachchan Ji tells in his inimitable style, it is fine to light a tiny lamp to dispel that darkness. It is OK to get up and re-connect …

Read More »

बाल श्रमिक: भारत के बाल मजदूरों पर हिंदी कविता

बाल श्रमिक - भारत के बाल मजदूरों पर हिंदी कविता

बाल मजदूरी बच्चों से लिया जाने वाला काम है जो किसी भी क्षेत्र में उनके मालिकों द्वारा करवाया जाता है। ये एक दबावपूर्णं व्यवहार है जो अभिवावक या मालिकों द्वारा किया जाता है। बचपन सभी बच्चों का जन्म सिद्ध अधिकार है जो माता-पिता के प्यार और देख-रेख में सभी को मिलना चाहिए, ये गैरकानूनी कृत्य बच्चों को बड़ों की तरह …

Read More »

धूम्रपान विद्यार्थियों और बच्चों के लिए कविता: क्यों मौत बुला रहे हो?

धूम्रपान पर कविता: क्यों मौत बुला रहे हो? World No Smoking Day Hindi Poem

वर्तमान में धूम्रपान की सबसे प्रचलित विधि सिगरेट है, जो मुख्य रूप से उद्योगों द्वारा निर्मित होती है किन्तु खुले तम्बाकू तथा कागज़ को हाथ से गोल करके भी बनाई जाती है। धूम्रपान के अन्य साधनों में पाइप, सिगार, हुक्का एवं बॉन्ग शामिल हैं। ऐसा बताया जाता है कि धूम्रपान से संबंधित बीमारियां सभी दीर्घकालिक धूम्रपान करने वालों में से …

Read More »

धूम्रपान है दुर्व्यसन: धूम्रपान आदत पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए कविता

Smoking Addiction Poem in Hindi धूम्रपान है दुर्व्यसन

धूम्रपान है दुर्व्यसन, मुँह में लगती आग स्वास्थ्य, सभ्यता, धन घटे, कर दो इसका त्याग। बीड़ी-सिगरेट पीने से, दूषित होती वायु छाती छननी सी बने, घट जाती है आयु। रात-दिन मन पर लदी, तम्बाकू की याद अन्न-पान से भी अधिक, करे धन-पैसा बरबाद। कभी फफोले भी पड़ें, चिक जाता कभी अंग छेद पड़ें पोशाक में, आग राख के संग। जलती …

Read More »

राणा प्रताप की तलवार: श्याम नारायण पाण्डेय जी का वीर रस काव्य

Maharana Pratap Jayanti

श्याम नारायण पाण्डेय (1907 – 1991) वीर रस के सुविख्यात हिन्दी कवि थे। वह केवल कवि ही नहीं अपितु अपनी ओजस्वी वाणी में वीर रस काव्य के अनन्यतम प्रस्तोता भी थे। आरम्भिक शिक्षा के बाद आप संस्कृत अध्ययन के लिए काशी चले आये। यहीं रहकर काशी विद्यापीठ से आपने हिन्दी में साहित्याचार्य किया। द्रुमगाँव (डुमराँव) में अपने घर पर रहते …

Read More »

हल्दीघाटी: झाला का बलिदान – श्याम नारायण पांडेय

Haldighati Poem on Maharana Pratap हल्दीघाटी: झाला का बलिदान

It is said that the Mughals were humbled in victory that day at Haldighati and Rana obtained a glorious defeat. Man Singh narrowly escaped the spear of Rana. Mughals by far out numbers Rana’s men. Tired and wounded Rana was headed for a certain death. At that juncture, a valiant warrior in Rana’s army, named Jhala came to his rescue. …

Read More »

हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्‍सा मांगेंगे: फैज अहमद ‘फैज’

हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्‍सा मांगेंगे - फैज अहमद 'फैज'

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ – भारतीय उपमहाद्वीप के एक विख्यात पंजाबी शायर थे जिनको अपनी क्रांतिकारी रचनाओं में रसिक भाव (इंक़लाबी और रूमानी) के मेल की वजह से जाना जाता है। सेना, जेल तथा निर्वासन में जीवन व्यतीत करने वाले फ़ैज़ ने कई नज़्म, ग़ज़ल लिखी तथा उर्दू शायरी में आधुनिक प्रगतिवादी (तरक्कीपसंद) दौर की रचनाओं को सबल किया। उन्हें नोबेल …

Read More »