Children's Poetry about Festival of Lights - Deepawali शुभ दीपावली

Children’s Poetry about Festival of Lights – Deepawali शुभ दीपावली

जगमग – जगमग दीप जलें,
रोशन घर का हो हर कोना।

Shubh Deepawaliप्रकाश के जैसे उज्जवल तन हो,
जन – जन स्वजन और निर्मल मन हो।

रोशनी का आगाज जहाँ हो,
तुम वहां हो हम वहां हों।

दूर तम के अन्धकार हों,
मीठे सुर हों मीठी ताल हो।

शुभकामनायें हैं यही हमारी,
सतरंगी हर दीवाली हो।

अमृता गोस्वामी [वैशाली नगर, जयपुर ३०२०२१, राजस्थान]

आपको यह कविता कैसी लगी – आप से अनुरोध है की अपने विचार comments के जरिये प्रस्तुत करें। अगर आप को यह कविता अच्छी लगी है तो Share या Like अवश्य करें।

यदि आपके पास Hindi / English में कोई poem, article, story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें। हमारी Id है: submission@sh035.global.temp.domains. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ publish करेंगे। धन्यवाद!

Check Also

BINU DANCE OF BAHAG BIHU

Bohag Bihu Festival Information: Assam Festival Rongali Bihu

Bohag Bihu Festival Information: The Rongali Bihu is the most important among all the three …