प्यारे बच्चे – गोविन्द भारद्वाज

नन्हे-नन्हे प्यारे बच्चे,
एक जैसे हैं सारे बच्चे।

मुखड़े-सबके हैं भोले-भाले,
देश के बच्चे बड़े मतवाले।
न्यारे जग में प्यारे बच्चे,
नन्हे-नन्हे प्यारे बच्चे॥

पौधे हैं ये फुलवारी के,
रंग-बिरंगी सब क्यारी के।
आँखों के सब तारे बच्चे,
नन्हे-नन्हे प्यारे बच्चे॥

एक राह के ये सब राही,
भारत वतन के हैं सिपाही।
सुन्दर हैं इकसारे बच्चे,
नन्हे-नन्हे प्यारे बच्चे॥

∼ गोविन्द भारद्वाज

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