कितनी बड़ी दिखती होगी – श्रीनाथ सिंह

House Flyकितनी बड़ी दिखती होंगी, मक्खी को चीजें छोटी।
सागर सा प्याला भर जल, पर्वत सी एक कौर रोटी॥

खिला फूल गुलगुल गद्दा सा, काँटा भारी भाला सा।
ताला का सूराख उसे, होगा बैरगिया नाला सा॥

हरे भरे मैदान की तरह, होगा इक पीपल का पात।
भेड़ों के समूह सा होगा, बचा खुचा थाली का भात॥

ओस बून्द दर्पण सी होगी, सरसों होगी बेल समान।
साँस मनुज की आँधी सी, करती होगी उसको हैरान॥

∼ श्रीनाथ सिंह

About Shrinath Singh

ठाकुर श्रीनाथ सिंह का जन्म १९०३ ई० में मानपुर जिला इलाहाबाद में हुआ। ये द्विवेदी युग के साहित्यकार हैं। आपकी प्रमुख रचनाएँ हैं उलझन १९३४ ई०, क्षमा १९२५ ई०, एकाकिनी या अकेली स्त्री १९३७ ई०, प्रेम परीक्षा १९२७ ई०, जागरण १९३७ ई०, प्रजामण्डल १९४१ ई०, एक और अनेक १९५१ ई०, अपहृता १९५२ ई० आदि आपकी प्रसिद्ध कृतियाँ हैं। कुछ समय तक आपने "सरस्वती" का संपादन किया।

Check Also

Kalki 2898 AD: 2024 Indian epic science-fiction dystopian film

Kalki 2898 AD: 2024 Indian epic science-fiction dystopian film

Kalki 2898 AD : Movie Name Directed by: Nag Ashwin Starring: Prabhas, Amitabh Bachchan, Kamal …