चित्र – नरेश अग्रवाल

चित्र से उठते हैं तरह-तरह के रंग
लाल-पीले-नीले-हरे
आकर खो जाते हैं हमारी आंखों में
फिर भी चित्रों से खत्म नहीं होता
कभी भी कोई रंग।
रंग अलग-अलग तरह के
कभी अपने हल्के स्पर्श से तो कभी गाढ़े स्पर्श से
चिपके रहते हैं,
चित्र में स्थित प्रकृति और जनजीवन से।
सभी चाहते हैं गाढ़े रंग अपने लिए
लेकिन चित्रकार चाहता है
मिले उन्हें रंग
उनके व्यक्तित्व के अनुसार ही,
जो उघाड़े उनका जीवन सघनता में।
अक्सर यादें रह जाती हैं अच्छी कलाकृतियों की
रंग तक भी याद आते रहते हैं
लेकिन जो अंगुलियां गुजर गयी हजारों बार
इन पर ब्रश घुमाते हुए
कितना मुश्किल है समझ पाना
कौन सी भाषा में वे लिख गयी
और सचमुच क्या कहना चाहती हैं वे।

∼ नरेश अग्रवाल

Check Also

Kalki 2898 AD: 2024 Indian epic science-fiction dystopian film

Kalki 2898 AD: 2024 Indian epic science-fiction dystopian film

Kalki 2898 AD : Movie Name Directed by: Nag Ashwin Starring: Prabhas, Amitabh Bachchan, Kamal …