Spirituality in India

Spirituality and mystical charm have always drawn people from all over the world to India. As the world becomes increasingly capitalistic and materialist, the quest and urgency for spirituality grows more and more

गंगा दशहरा और गंगा मंत्र

गंगा दशहरा और गंगा मंत्र

शास्त्रानुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ला पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा कहते हैं। स्कन्द पुराण के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ला दशमी संवत्सरमुखी मानी गई है इसमें स्नान व दान का विशेष महत्व है। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष, दशमी को देवी गंगा का पृथ्वी पर अवतरण का दिन माना जाता है। सनातन धर्म में गंगा को सर्वाधिक पवित्र नदी माना जाता है। …

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शालीग्राम और कसाई

शालीग्राम और कसाई

बहुत समय पहले की बात है, एक कसाई था सदना। वह बहुत ईमानदार था, व भगवान के नाम कीर्तन में ही मस्त रहता था। यहां तक की मांस को काटते-बेचते हुए भी वह भगवद्-नाम गुनगुनाता रहता था। एक दिन वह अपनी ही धुन में कहीं जा रहा था कि उसके पैर से कोई पत्थर टकराया। वह रूक गया व उसने …

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वट सावित्री व्रत

Vat savitri vrat

सुहागन स्त्रियां वट सावित्री व्रत के दिन सोलह श्रृंगार करके सिंदूर, रोली, फूल, अक्षत, चना, फल और मिठाई से सावित्री, सत्यवान और यमराज की पूजा करें। वट वृक्ष की जड़ को दूध और जल से सींचें। इसके बाद कच्चे सूत को हल्दी में रंग कर वट वृक्ष में लपेटते हुए कम से कम तीन बार परिक्रमा करें। वट वृक्ष का …

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शिव के नाम में छिपे रहस्य

शिव के नाम में छिपे रहस्य

भारतीय संस्कृति में बहुदेववाद की प्रतिष्ठा है, यह सत्य है किंतु भगवान शिव को ही भोले बाबा के रूप में माना गया है। इनकी अनेक नामों से पूजा की जाती है और प्रत्येक नाम इनके गुणों को प्रकाशित करता है। अपने भक्तों के दुख दारिद्रय को दूर करने के लिए बहुत जल्दी प्रसन्न होने के कारण इन्हें आशुतोष कहा जाता …

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क्यों होते हैं धार्मिक स्थान पूज्य व पावन?

क्यों होते हैं धार्मिक स्थान पूज्य व पावन?

सन्ताें के तपस्थलाें, तीर्थस्थलाें व पवित्र धामाें की यात्रा पर जाने का महात्म्य यह है कि हमें वहां जाकर ईश्वर का स्मरण हाे सके। हमारे पूजा-स्थल, धर्म स्थान व मंदिर इसलिए पूज्य व पावन हैं क्याेंकि वहां जाकर हमें ईश्वर की याद आती है। वास्तव में ईश्वर कहीं खाे नहीं गया है, बस हमने ही उसे भुला दिया है। अनमाेल …

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कोषाध्यक्ष कुबेर जी का मंत्र

कोषाध्यक्ष कुबेर जी का मंत्र

धन, सुख और समृद्धि को पाने के लिए धर्म शास्त्रों में बहुत से उपाय बताए गए हैं। जिन्हें करने से मनचाही इच्छाएं पूर्ण की जा सकती हैं। उन्हीं में से एक उपाय है अपने घर में कुबेर जी का स्वरूप अथवा चित्र लगाएं। कुबेर देव का स्वरूप अथवा चित्र उत्तर दिशा में लगाएं लेकिन उस से पूर्व वहां की साफ-सफाई …

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सर्वसिद्धि सरस्वती मंत्र

Saraswati Mantra

यंत्रों एवं इनके उपयोग का उल्लेख वेदों एवं पुराणों में विस्तृत रूप से मिलता है। वेदों में मंत्रों को जीवन दर्शन एवं रहस्य सूत्ररूप में ही निरूपित किया गया है। सनातन धर्मानुसार ब्रह्मांड में कई प्रकार की शक्तियां निरंतर ऊर्जा के रूप में प्रवाहित होती हैं। पौराणिक काल में ही ऋषि-मुनियों को इन शक्तियों का आभास था तथा उन्हें इस …

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धार्मिक कार्यों में दिशाओं का महत्व

धार्मिक कार्यों में दिशाओं का महत्व

चार मुख्य दिशा, चार उप-दिशा एवं ऊर्ध्व-अधवरा दो दिशा मिलकर कुल दस दिशाएं होती हैं। सूर्योदय को पूर्व दिशा और सूर्यास्त को पश्चिम दिशा कल्पित करके आठ अन्य दिशाएं निश्चित की गई हैं। प्रात: संध्या में देवकार्य, यज्ञकार्य, आचमन और प्राणायाम के लिए पूर्व दिशा की तरफ मुंह रखा जाता है जबकि सायं संध्या में देव कार्य तथा पुण्य कार्य …

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भगवान शिव के मंत्र जाप से घर में लाएं खुशियाँ

भगवान शिव के मंत्र जाप से घर में लाएं खुशियाँ

शिव ही सर्वप्रथम देव हैं, जिन्होंने पृथ्वी की संरचना की तथा अन्य सभी देवों को अपने तेज से तेजस्वी बनाया। मान्यता है की भगवान शिव लिंग रूप में प्रकट हुए थे। भगवान शिव पंच देवों में सूर्य, गणेश, गौरी, विष्णु और शिव के प्रधान देव हैं। शिव पुराण कथा के अनुसार शिव ही ऐसे भगवान हैं, जो शीघ्र प्रसन्न होकर …

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हिन्दुओं में विवाह करने की परंपरा

हिन्दुओं में विवाह करने की परंपरा

हिंदू धर्म शास्त्रों में हमारे सोलह संस्कार बताए गए हैं। इन संस्कारों में काफी महत्वपूर्ण विवाह संस्कार हैं। शादी को व्यक्ति का दूसरा जन्म भी माना जाता है क्योंकि इसके बाद वर-वधू सहित दोनों के परिवारों का जीवन पूरी तरह बदल जाता है इसलिए विवाह के संबंध में कई महत्वपूर्ण सावधानियां रखना जरूरी है। विवाह के बाद वर-वधू का जीवन …

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