Folktales In Hindi

Folktales In Hindi

जल में रह कर मगर से बैर – कहानियां कहावतो की

जल में रह कर मगर से बैर – कहानियां कहावतो की

एक नदी थी। उसमे तमाम मछलियाँ रहती थीं। आस-पास गाओं के लड़के नदी के किनारे-किनारे चलते थे और किनारे से तैरती मछलियों के बच्चो को देखते थे। उन्हें पकड़ने की कोशिश भी करते थे। लेकिन मछलियों के बच्चे लड़कों के हाथ नहीं आते थीं। कभी कभी किनारे पर कछुए भी देखने को मिल जाते थे। उसी नदी में एक मगर …

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साधना – शिक्षाप्रद बाल-कहानी

साधना - शिक्षाप्रद बाल-कहानी

एक राजा किसी जंगल से गुजर रहा था कि उसे एक महात्मा ध्यान की मुद्रा में बैठे दिखे। जब महात्मा ने अपनी आँखें खोली। राजा ने नमस्कार कर पूछा, “इस जंगल में अकेले कैसी साधना कर रहे हैं?” महात्मा ने कहा, “मैं आत्मा से परमात्मा बनने की साधना कर रहा हूँ।” राजा ने पूछा, “यह साधना कब से चल रही …

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सोना सुनार का, गहना संसार का – कहानियां कहावतो की

सोना सुनार का, गहना संसार का – कहानियां कहावतो की

एक दिन रामफल सुनार की दुकान पर गया| उसके नाती का विवाह था। वह अपने साथ एक हँसुली ले गया। इस एक हँसुली से वह अपने तीन बेटों और एक नाती का विवाह कर चूका था। इस बीच वह तीन बार हँसुली को बदलवा चूका था। हर बार सुनार हँसुली के सोने के भार में से ताम्बे के टाँके का …

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Motivational Hindi Folktale about Pride प्रगति और अभिमान

Motivational Hindi Folktale about Pride प्रगति और अभिमान

एक प्रसिद्ध मूर्तिकार अपने पुत्र को मूर्ति बनाने की कला में दक्ष करना चाहता था। उसका पुत्र भी लगन और मेहनत से कुछ समय बाद बेहद खूबसूरत मूर्तियां बनाने लगा। उसकी आकर्षक मूर्तियों से लोग भी प्रभावित होने लगे लेकिन उसका पिता उसकी बनाई मूर्तियों में कोई न कोई कमी बता देता था। उसने और कठिन अभ्यास से मूर्तियां बनानी …

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Eklavya Guru–shishya Hindi Story एकलव्य की कहानी

Eklavya Guru–shishya Hindi Story एकलव्य की कहानी

गुरु द्रोणाचार्य, पाण्डवोँ और कौरवोँ के गुरु थे, उन्हेँ धनुर्विद्या का ज्ञान देते थे। एक दिन एकलव्य जो कि एक गरीब शुद्र परिवार से थे। द्रोणाचार्य के पास गये और बोले कि गुरुदेव मुझे भी धनुर्विद्या का ज्ञान प्राप्त करना है आपसे अनुरोध है कि मुझे भी आपका शिष्य बनाकर धनुर्विद्या का ज्ञान प्रदान करेँ। किन्तु द्रोणाचार्य नेँ एकलव्य को …

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Kindness Story of Poor Lame Boy गरीब लँगड़े लड़के की दयालुता

Kindness Story of Poor Lame Boy गरीब लँगड़े लड़के की दयालुता

एक गृहस्थ एक गाँव के समीप अपनी घोड़ागाड़ी धीरे-धीरे हाँकते हुए आसपास में कोई जलाशय खोज रहा था; क्योंकि उसके घोड़े बहुत ही थके हुए और प्यासे थे। इतने में छोटी झोंपड़ी दीख पड़ी। उसके आँगन में एक दस-बारहा वर्ष का लड़का बैठा था। दूर से घोड़ों को थके और प्यासे देखकर तुरंत ही वह लड़का झोंपड़ी में जाकर पानी से …

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African Folktale in Hindi: How ants carry so much weight चींटियाँ भारी बोझा क्यूँ ढोती हैं

African Folktale in Hindi: How ants carry so much weight चींटियाँ भारी बोझा क्यूँ ढोती हैं

बहुत समय पहले की बात हैं। अनानसी और उसका बेटा कवेकू दोनों बहुत ही चतुर किसान थे। उन दोनों के खेत अलग-अलग थे और हर साल उनमें लहलहाती फसल होती थी। पर एक साल अचानक ना जाने क्या हुआ कि सबसे अच्छे बीज बोने के बावजूद भी बारिश नहीं होने की वजह से उनके खेत में कुछ भी नहीं उग सका। अपने खेत को देखकर …

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गाड़ीवान को सहायता देने वाला विधार्थी Hindi story of a Student who helped poor Carter

गाड़ीवान को सहायता देने वाला विधार्थी Hindi story of a Student who helped poor Carter

एक विधार्थी गाँव के समीप स्कूल में पढ़ने जा रहा था। उससे एक गाड़ीवान ने कहा – “तुम इस गाडी को पीछे से ढकेल दो तो मैं ऊपर पहुँच सकूँ।” “पर स्कूल का समय हो गया है” – यों कहकर वह लड़का चला गया और स्कूल आकर खेलने लगा। बेचारा गाड़ीवान कबसे बैठा-बैठा थक गया और उसको भूख भी लगी …

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परोपकारी बालक रामराव Hindi story of Courageous Boy

परोपकारी बालक रामराव Hindi story of Courageous Boy

बालक रामराव बंगलोर की पंद्रहवी बालचर सेना का सदस्य था। उसकी अवस्था दस वर्ष की थी। एक दिन वह एक घाट पर खड़ा था। देवांग जाति की पंद्रह वर्ष की एक कन्या वहाँ कपड़े धो रही थी। कपड़े धोते-धोते उस लड़की का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में पहुँच कर डुबकियाँ लेने लगी। बालक रामराव अपने सारे कपड़ो …

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गाँव को डूबने से बचाने वाला बालक Courage story in Hindi

गाँव को डूबने से बचाने वाला बालक

यूरोप में हालैंड देश का कुछ भाग समुंद्र की सबसे सतह से नीचा होने के कारण कभी-कभी समुंद्र का जल आकर उस भाग में बसे गाँव को डुबो देता था। इस दुःख से बचने के लिये वहाँ के लोगो ने समुंद्र के किनारे एक ऊँचा बाँध बना रखा था। फिर भी कभी-कभी जल का इतना वेग होता की वह बाँध …

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