Shyamnandan Kishore

(जन्म: 05 सितम्बर 1930 - निधन: 29 मई 1985) श्यामनंदन किशोर हिन्दी के मूर्धन्य कवि एवं विद्वान थे। ये बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। इन्हें अंग्रेजी, इटालियन, रूसी, चेक आदि अनेक भाषाएं आती थीं। ये कई बार विदेशों में भाषण देने गए तथा नेशनल प्रोफेसर रहे। इनके मुख्य काव्य-संग्रह है : 'शेफालिका, 'विभावरी, 'बंधूक, 'सूरजमुखी तथा 'कविश्री। 'इडा, 'गायत्री तथा 'सीता इनके महाकाव्य हैं। इन्हें पद्मश्री अलंकरण तथा 'नेहरू फेलोशिप सम्मान प्राप्त हुए।

क्षुद्र की महिमा – श्यामनंदन किशोर

क्षुद्र की महिमा - श्यामनंदन किशोर

शुद्ध सोना क्यों बनाया, प्रभु मुझे तुमने, कुछ मिलावट चाहिये गलहार होने के लिये! जो मिला तुममें, भला क्या भिन्नता का स्वाद जाने, जो नियम में बँध गया, वह क्या भला अपवाद जाने, जो रहा समकक्ष, करुणा की मिली कब छाँह उसको, कुछ गितरावट चाहिये उद्धार होने के लिये। जो अजन्में हैं, उन्हें इस इंद्रधनुषी विश्व से संबंध ही क्या! …

Read More »