अंकों से जानें भविष्य, कौन सा नंबर है लकी

अंकों से जानें भविष्य, कौन सा नंबर है लकी

भविष्य फल कथन में ज्योतिष के अलावा अंक-शास्त्र विश्व की सबसे प्राचीन विधा है। इस विज्ञान में शून्य के अलावा शेष सभी नौ अंकों का प्रयोग किया जाता है। अंक शास्त्र के माध्यम से कई तरह के जटिल विषयों का जवाब प्राप्त कर सकते हैं।

प्रत्येक मनुष्य के जीवन में किसी खास अंक का महत्व होता है और जीवन में उस व्यक्ति के महत्वपूर्ण कार्यों में उस अंक की महत्ती भूमिका होती है। हमारा सम्पूर्ण जीवन इन नौ अंकों के आसपास ही घूमता है।

अंकों की इसी महत्ता के कारण हमारे वैदिक मंत्रों में अंकों की एक निश्चित संख्या तय की गई है और उनका नामकरण अंकों के  ही आधार पर है। यथा, पंचाक्षरी मंत्र,  षडाक्षरी मंत्र आदि। कहने को तो अंक नौ ही हैं लेकिन इनका वृहद विश्लेषण इन्हें अद्भुत बनाता है। जो इनकी अथाह गहराइयों में जाता है वही इनकी महत्ता समझ सकता है।

अंकों की विशेषता

1प्रथम अंक से ही गणना प्रारंभ होती है अत: यह अंक प्रगति का सूचक है। इस अंक प्रधान के जातक नेतृत्व गुण वाले, त्याग की भावना से भरपूर, मित्रों व परिचितों का बड़ा समूह लिए होते हैं। सहन शक्ति के मामले में ये अग्रणी होते हैं। इनके जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं लेकिन इनका ध्येय आगे बढऩा ही  होता है। निराशा में कभी कोई निर्णय नहीं लेते और हमेशा नवीन विषयों की खोज में लगे रहते हैं।

2यह अंक अपने आप में सम्पूर्ण हैं। इस अंक वाले जातक भावुक, प्रत्येक कार्य नियमानुसार व सुंदरतम तरीके से करते हैं। प्रेम व सुंदरता के पारखी, कल्पनाशील व दूसरे के कार्य को प्राथमिकता से निष्पादन करने वाले होते हैं। ये अपने सामने वाले के मन की थाह लेने में माहिर होते हैं लेकिन पर-हित लक्ष्य होने के कारण इनके निजी कार्य देरी से होते हैं।

3यह अंक प्रतिभा व परिश्रम का परिचायक है। इस अंक वाले जातक काफी खर्चीले स्वभाव के होते हैं। इनकी महत्वाकांक्षा ऊंची होती है। अपनी भावना, विचार व कही बात को वजनदार बनाने में ये प्रवीण होते हैं। जीवन में अचानक प्रगति की आकांक्षा रखते हैं। उच्च पद या बड़ा लाभ मिलते ही ये उसका भरपूर प्रयोग करते हैं।

4यह अंक अनिश्चितता का प्रतीक है। इस अंक प्रधान वाले जातकों को जीवन में कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है। इन जातकों का स्वभाव स्नेहपूर्ण होता है। जानकार लोग इनके इसी गुण के कारण इन्हें परेशानियां देते रहते हैं। सब कुछ सामान्य चलते-चलते अचानक कोई बाधा या व्यवधान आ जाता है जिससे सारे किए धरे पर पानी फिर जाता है।

5पांच अंक वाले जातक वाकपटु, सच्चरित्र, ईमानदार होते हैं। ये शीघ्रता से मित्रता करते हैं और आजीवन निभाते हैं। स्थितियों के अनुरूप स्वयं को ढालना इनकी विशेषता होती है। समय का सदुपयोग करना कोई इनसे सीखे। इनकी निर्णय क्षमता अद्भुत होती है। ये बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं। किसी भी कार्य में जोखिम उठाने से घबराते नहीं। अपने लक्ष्य में सफलता हासिल कर लेना ही इनका ध्येय होता है।

6इस अंक प्रधान वाले जातक सौंदर्य के पुजारी होते हैं। अपने आप को सुंदर बनाए रखने में ही ये अपना अधिकांश समय व्यतीत करते हैं। उच्च स्तरीय वस्त्र, आभूषण, प्रसाधन सामग्री व सलीकेदार जीवनशैली इनकी खासियत होती है। धन का इनके जीवन में अभाव नहीं होता। मुक्त हस्त से व्यय करने के आदी होते हैं। हमेशा प्रसन्न रहना इनकी पहचान होती है। विपरीत सैक्स के प्रति आकर्षण रखने  के कारण ऐसे जातकों का दाम्पत्य जीवन साधारण स्तर का होता है। स्वभाव से ये रहस्यपूर्ण और अंतर्मुखी होते हैं।

7इस अंक के जातक मूलत: भावुक, परोपकारी, मौलिक, कल्पनाशील, दार्शनिक वृत्ति वाले होते हैं। अपने फैसलों में किसी की दखलअंदाजी इन्हें पसंद नहीं होती। ये हमेशा लोगों की चर्चा का विषय होते हैं। ये जोखिम पूर्ण कार्य करने में काफी सिद्धहस्त होते हैं। ऐसे में इनका गृहस्थ जीवन सामान्य होने के बावजूद ये जातक अपने निर्णयों व बुद्धिबल पर प्राय: सुखमय जीवन ही जीते हैं।

8यह अंक थोड़ा-सा जटिल प्रकृति का है। इस अंक वाले जातक परिश्रमी होते हैं लेकिन बावजूद इसके इन्हें कदम-कदम पर बाधाओं तथा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इनके जीवन में आकस्मिक बाधाओं की भरमार होती है। इनकी संघर्ष क्षमता गजब की होती है लेकिन कभी भी ये अपनी परेशानी किसी के साथ जल्दी से बांटते नहीं हैं। ऐसे जातक कभी मध्य मार्गी नहीं होते वरन स्पष्ट सोच रखते हैं। जीवन में या तो पक्के मित्र रखते हैं या पक्के शत्रु। औपचारिक संबंधों में ये विश्वास नहीं रखते।

9अंक शास्त्र में यह अंक सर्वाधिक बलवान अंक माना गया है। इस अंक वाले जातक शारीरिक एवं मानसिक रूप से बलवान होते हैं। वीरता, साहसिक कार्य के प्रति निष्ठा, अपने निर्णयों पर अडिग रहने वाले, नेतृत्व करने वाले होते हैं। अनुशासन प्रिय होने के बावजूद इनके कनिष्ठ इनसे प्रसन्न रहते हैं क्योंकि दिल से ये सौम्य होते हैं।

अपने जीवन साथी से इनके अक्सर मतभेद रहते हैं। स्वाभिमानी होने के कारण इनके मित्रों की संख्या कम होती है, इनकी हार्दिक इच्छा होती है कि ये जहां भी जाएं इन्हें महत्व दिया जाए।

~ पं. नंद किशोर शर्मा

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