ज्योतिष और सरकारी नौकरी

ज्योतिष और सरकारी नौकरी

प्रशासनिक सेवाओं की अहमियत आज भी विद्यमान है। इसी कारण सरकारी अफसर बनने की चाहत में हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स व प्रतिस्पर्धी प्री एंटरेंस टेस्ट देने हेतु तत्पर रहते हैं। भारत में निजीकरण के बावज़ूद भी सरकारी नौकरी पाने की चाहत कम नहीं हुई है। वास्तविकता में सरकारी नौकरी में स्थिरता व सुनिश्चिता के साथ साथ सामाजिक रुतबा भी जुड़ा हुआ है जो सरकारी अफसरशाही की हैसियत में तमगा जड़ देता ही। हालांकि हजारों प्रतियोगियों से चुनिंदा खुशनसीब ही ऐसे होते हैं, जिन्हें सरकारी अफसर बनने का अवसर मिला पता है।

ज्योतिषशास्त्र अनुसार जन्म कुण्डली के आधार पर आपके भूत व भविष्य की सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। शास्त्रों में कुछ ऐसे ग्रह योग बताए गए हैं जिनसे व्यक्ति के कार्यक्षेत्र के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकती है। कुंडली में जैसे ग्रह योग होते हैं व्यक्ति जीवन में वैसा ही कार्य करता है। इसके साथ-साथ आधुनिक ज्योतिष तीन से कार्य करता है पहला गणित, दूसरा फलित, तीसरा उपाय से फलप्रपति।

सफलता व्यक्ति की योग्यता व कर्मों पर निर्भर होती है। सरकारी नौकरी का निर्धारण व्यक्ति की योग्यता शिक्षा, अनुभव के साथ-साथ उसकी जन्मकुंडली में बैठे ग्रह योगों के कारण भी होता है। बृहत पाराशर होरा शास्त्र में ऐसे योगों का वर्णन मिलता है, जिसके कारण एडमिनिस्ट्रेटिव जॉब मिलने के अवसर प्राप्त होते हैं। जन्मकुंडली में जब ऐसे राजयोग प्रबल स्थिति मे होते हैं तब बेशक उच्च राजकीय पद प्राप्त होता है। परंतु जब जन्मकुंडली में विद्यमान राजयोग का बलाबल कमज़ोर होता है तब उसी के अनुरूप निम्न से निम्नतम पद प्राप्त होता है। यह प्रबल राजयोग जीवन में कब विनियमित होते हैं यह तय करता हैं की जन्मकुंडली में योगकारी ग्रहों की महादशा अंतर्दशा प्रत्यांतर कब सक्रिय होती है, इसी के अनुरूप राजकीय पद प्राप्त होता है। पाराशर सिद्धान्त पद्धति अनुसार जन्मकुंडली में ऐसी अनेक प्रभावशाली ग्रह स्थिति हैं जो प्रबल राजयोग निर्मित करती हैं। जब जन्मकुंडली में इन ग्रह स्थिति का संयोग विद्यमान होता है, तब राजकीय लाभ की स्थिति अवश्य निर्मित होती है।

पाराशर सिद्धान्त अनुसार जन्मकुंडली के पहले, नवें, दसवें व ग्यारहवें भाव व उनके स्वामी से सरकारी नौकरी का विचार करते हैं। भगयेश व कार्मेश के परस्पर राशि परिवर्तन से प्रबलतम राजयोग निर्मित होता है। सूर्य, मंगल, चंद्र व गुरु सरकारी नौकरी में उच्च पद देते है। 2, 6 व 10 भाव को अर्थ-त्रिकोण सूर्य की प्रधानता होने पर सरकारी पद प्राप्त होता है। नौकरी के कारक ग्रहों का संबंध सूर्य व चंद्र से हो तो व्यक्ति सरकारी पद प्राप्त करता है। सरकारी अफसर बनने के लिए 10 भाव में शुभ ग्रह होना या 10 भाव में सूर्य या मंगल की दृष्टि होनी चाहिए। सरकारी अफ़सर बनने हेतु 1, 9 व 10 भाव पर शुभ ग्रह या उनकी दृष्टि अनिवार्य है अथवा भगयेश व कार्मेश का युति संबंध, भगयेश व कार्मेश का परस्पर देखा जाना सर्वाधिक प्रबल माना जाता है। 1, 9, 10 व 11 भाव पर किसी शुभ ग्रह का होना या दृष्टि संबंध के साथ-साथ इन भावों की अशुभ ग्रहों से निवृति सरकारी अफसर बनाती है। इसके साथ-साथ वर्ग कुंडली संख्या डी-4, डी-9, डी-10 का विचार आवश्यक है।

आधुनिक ज्योतिष के सटीक उपाय से ग्रह अनुकूल होकर सरकारी उच्च पद दे सकते हैं:

  1. अष्टधातु से बने नवग्रह यंत्र के साथ जड़ित 2मुखी+12मुखी+11मुखी रुद्राक्ष प्राणप्रतिष्ठित करवाकर धारण करें।
  2. प्रतिदिन हनुमान जी का विधिवत पूजन कर गुड़ का भोग लगाकर लालिमा लिए हुए गाय को खिलाएं।
  3. घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में पारद शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठित करवाएं व नित्य पंचोपचार पूजन करें।
  4. पिता के नित्य चरण स्पर्श करें तथा उनकी सेवा में कोई कसर न छोड़ें।
  5. शराब और मांसाहार से दूर रहें।

~ आचार्य कमल नंदलाल

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