बच्चे की नींद - दिवांशु गोयल ‘स्पर्श’

बच्चे की नींद – दिवांशु गोयल ‘स्पर्श’

गहराती रात में,
टिमटिमाती दो आँखें,
एक में सपने,
एक भूख,

अंतर्द्वंद दोनों का,
समय के विरुद्ध,
एक आकाश में उड़ाता है,
एक जमीं पे लाता है,

एक पल के लिए,
सपने जीत चुके थे मगर,
भूख ने अपना जाल बिखेरा,
ला पटका सपनों को,
यथार्थ की झोली में,

सब कुछ बिकाऊ है यहाँ,
सपने, हकीकत और भूख,
और बिकाऊ है,
बच्चे की नींद!

∼ दिवांशु गोयल ‘स्पर्श’

Check Also

Weekly Bhavishyafal

साप्ताहिक भविष्यफल 05 से 11 मई 2024: पंडित असुरारी नन्द शांडिल्य

साप्ताहिक भविष्यफल 05 – 11 मई 2024: पंडित असुरारी नन्द शांडिल्य: एस्ट्रोलॉजिकल बर्थ चार्ट के …