बोलो माँ – अंजना भट्ट

तिनका तिनका जोड़ा तुमने
अपना घर बनाया तुमने,
अपने तन के सुंदर पौधे पर
हम बच्चों को फूल सा सजाया तुमने,
हमारे सब दुख उठाये और
हमारी खुशियों में सुख ढूँढा तुमने,
हमारे लिये लोरियाँ गाईं और
हमारे सपनों में खुद के सपने सजाए तुमने।

हम बच्चे अपनी राह चले गये,
और तुम,
दूर खड़ी अपना मीठा आशीर्वाद देती रहीं।
पल बीते क्षण बीते…
समय पग–पग चलता रहा,
अपना हिसाब लिखता रहा,
और आज?

आज धीरे–धीरे तुम जिंदगी के
उस मुकाम पर आ पहुँची,
जहाँ तुम थकी खड़ी हो,
शरीर से और मन से भी।

मेरा मन मानने को तैयार नहीं,
मेरा अंतरमन सुनने को तैयार नहीं,
क्या तुम्हारे जिस्म के मिटने से
सब कुछ खत्म हो जाएगा?
क्या चली जाओगी तुम
अपने प्यार की झोली समेट कर?
क्या रह जाएंगे हम
तुम्हारी भोली सूरत देखने को तरसते हुए?
क्या रह जाएंगे हम
तुम्हारी गोदी में अपना बचपन ढूंढते हुए?

बोलो माँ?
क्या कह जाओगी
इन चांद, सूरज, धरती, और तारों से?
इन राह गुज़ारों से…
न्दिया के बहते धारों से?
क्या कह जाओगी माँ?
किसे सौंप जाओगी हमें माँ?

— अंजना भट्ट

About Anjana Bhatt

अंजना भट्ट जन्म– 27 सितम्बर 1957 जन्म स्थान नई दिल्ली, भारत।

Check Also

Varuthini Ekadashi

Varuthini Ekadashi: Baruthani Ekadashi Information For Hindus

Varuthini Ekadashi also known as Baruthani Ekadashi usually falls on Ekadashi during the month of …