Prayag Shukla

जन्म: 28 मई 1940 कवि, कथाकार और कला-समीक्षक। देश-विदेश की विभिन्न कला-प्रदर्शनियों के बारे में लेखन और प्राय: सभी प्रमुख भारतीय कलाकारों से भॆंटवार्ताएँ प्रकाशित। इसके अलावा फ़िल्म और नाट्य समीक्षाएँ भी। 1963-64 में 'कल्पना' (हैदराबाद) के सम्पादक मंडल में रहे और जनवरी 1969 से मार्च 1983 तक 'दिनमान' के सम्पादकीय विभाग में, इसके बाद दैनिक 'नवभारत टाइम्स' के सम्पादकीय विभाग में। ललित कलाअकादमी की हिन्दी पत्रिका 'समकालीन कला' के अतिथि सम्पादक रहे। द्विजदेव सम्मान सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कार से सम्मानित।

पगडंडी – प्रयाग शुक्ल

पगडंडी - प्रयाग शुक्ल

जाती पगडंडी यह वन को खींच लिये जाती है मन को शुभ्र–धवल कुछ्र–कुछ मटमैली अपने में सिमटी, पर, फैली। चली गई है खोई–खोई पत्तों की मह–मह से धोई फूलों के रंगों में छिप कर, कहीं दूर जाकर यह सोई! उदित चंद्र बादल भी छाए। किरणों के रथ के रथ आए। पर, यह तो अपने में खोई कहीं दूर जाकर यह …

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