ईद मुबारक Hindi Poem on Eid Festival – मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा पर्व ईद होता है। रमजान का महीना खत्म होने के बाद मीठी ईद मनाई जाएगी। यह पर्व लोगों के बीच प्रेम और भाईचारे का प्रतीक रहा है और साथ ही बच्चे-बड़े ईदी पाने के लिए इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार करते हैं। पूरे एक महीने के …
Read More »मांझी न बजाओ बंशी – केदार नाथ अग्रवाल
मांझी न बजाओ बंशी मेरा मन डोलता। मेरा मन डोलता जैसे जल डोलता। जल का जहाज जैसे पल पल डोलता। मांझी न बजाओ बंशी‚ मेरा मन डोलता। मांझी न बजाओ बंशी मेरा प्रन टूटता‚ मेरा प्रन टूटता जैसे तृन टूटता‚ तृन का निवास जैसे वन वन टूटता। मांझी न बजाओ बंशी‚ मेरा प्रन टूटता। मांझी न बजाओ बंशी मेरा तन …
Read More »बसंती हवा – केदार नाथ अग्रवाल
हवा हूँ, हवा मैं बसंती हवा हूँ। सुनो बात मेरी – अनोखी हवा हूँ। बड़ी बावली हूँ, बड़ी मस्त्मौला। नहीं कुछ फिकर है, बड़ी ही निडर हूँ। जिधर चाहती हूँ, उधर घूमती हूँ, मुसाफिर अजब हूँ। न घर-बार मेरा, न उद्देश्य मेरा, न इच्छा किसी की, न आशा किसी की, न प्रेमी न दुश्मन, जिधर चाहती हूँ उधर घूमती हूँ। …
Read More »