Tag Archives: Popular Hindi Poems of Jaishankar Prasad

भारत महिमा: जयशंकर प्रसाद – भारतवर्ष का गुणगान

भारत महिमा - जयशंकर प्रसाद

जयशंकर प्रसाद (जन्म: 30 जनवरी, 1889, वाराणसी, उत्तर प्रदेश – मृत्यु: 15 नवम्बर, 1937) हिन्दी नाट्य जगत् और कथा साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। कथा साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे। Here is an excerpt from an old classic poem by Jaishankar Prasad. The beautiful rhythm, …

Read More »

अरुण यह मधुमय देश हमारा: जय शंकर प्रसाद

अरुण यह मधुमय देश हमारा - जय शंकर प्रसाद

A lovely classic by Jai Shankar Prasad. Hindi is a bit difficult so I have provided the meanings of difficult words… अरुण यह मधुमय देश हमारा: जय शंकर प्रसाद अरुण यह मधुमय देश हमारा। जहां पहुंच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा। सरस तामरस गर्भ विभा पर नाच रही तरुशिखा मनोहर छिटका जीवन हरियाली पर मंगल कुंकुम सारा। लघु सुरधनु …

Read More »

हिमाद्रि तुंग शृंग से: जय शंकर प्रसाद की देशप्रेम कविता

Jaishankar Prasad Inspirational Desh Bhakti Poem हिमाद्रि तुंग शृंग से

Here is an old classic inspirational poem by Jay Shankar Prasad. हिमाद्रि तुंग शृंग से: जय शंकर प्रसाद हिमाद्रि तुंग शृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती – स्वयं प्रभा समुज्ज्वला स्वतंत्रता पुकारती – ‘अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ़- प्रतिज्ञ सोच लो, प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो!’ असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ विकीर्ण दिव्यदाह-सी, सपूत मातृभूमि के – रुको न शूर साहसी! …

Read More »