“पापा… आपको पता है ना कि परसों क्रिसमस है।”पापा ने मुस्कुराते हुए आठ साल के हैरी की तरफ़ देखा जो अपनी भूरी आँखें उनके चेहरें की ओर गड़ाए बैठा था। उसके गोरे चेहरे पर घुँघराले भूरे बाल धूप में चमकने के कारण सुनहरे लग रहे थे।उन्होंने उसे प्यार से उठाकर गोदी में बैठा लिया।हैरी लड़ियाते हुए बोला – “इस साल …
Read More »क्रिसमस की कहानी
क्रिसमस एक ऐसा त्यौहार है जिसे शायद दुनिया के सर्वाधिक लोग पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। आज यह त्यौहार विदेशों में नहीं बल्कि भारत में भी समान जोश के साथ मनाया जाता है। भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति के साथ क्रिसमस का त्यौहार भी पूरी तरह घुल-मिल गया है। सदियों से यह त्यौहार लोगों को खुशियां बांटता और प्रेम और सौहार्द …
Read More »क्रिसमस और सांता क्लॉज़ का तोहफा: मंजरी शुक्ला
बहुत समय पहले की बात हैं। एक गाँव में एक बूढ़ी औरत मारिया अपने दस वर्ष के पोते जॉर्ज के साथ रहती थी। उसने अपने बाग़ में ढेर सारे फूल जैसे चंपा, जूही, गुलाब, गेंदा, आईरिस, गुलमोहर और आर्किड लगा रखे थे और एक छोटा सा तालाब भी बनाया था जिसमें हल्के लाल और सफ़ेद रंग के कमल के फूल खिले रहते थे।वह दिन …
Read More »नन्हें फ़रिश्ते: क्रिसमस के त्यौहार की दिल छू लेने वाली कहानी
क्रिसमस आने में सिर्फ़ दो दिन बाकी थे और हर साल की तरह पूरा शहर रौशनी में नहाया हुआ था। केक, पेस्ट्री और ताजे बिस्कुट की भीनी-भीनी महक से सबके कदम खुद ब खुद बेकरी की ओर खिंचे चले जा रहे थे। दर्ज़ी की दुकान में तो तिल रखने की भी जगह नहीं बची थी। बच्चे हो या बड़े, नए …
Read More »क्रिसमस गिफ्ट: गरीबी में खुशी का त्यौहार
आज क्रिसमस का दिन था और मारिया अपनी बड़ी-बड़ी नीली आँखों से खिड़की के बाहर झाँक रही थी। उसकी आँखों में बार-बार आँसूं आ रहे थे, जिन्हें वह अपनी माँ से छिपाकर फ्राक से पोंछ रही थी। वह अभी केवल तेरह वर्ष की ही थी पर चेहरे की गंभीरता से वह बहुत बड़ी लग रही थी। उसे खिड़की पर खड़े …
Read More »अनोखा दशहरा: हास्यप्रद कहानी सोने के पत्तों की
बहुत समय पहले की बात हैं। उदयपुर राज्य में एक राजा राज्य करता था माधोसिंघ। उसके दिमाग में रह रह कर तरह तरह के फ़ितूर आते रहते थे। इस कारण कभी तो उसकी हरकतों पर लोग हँसते हँसते लोटपोट हो जाते तो कई बार उसे सबके साथ इसका खामियाज़ा भी भुगतना पड़ता पर वो अपनी पुरानी गलतियों से सीख ना लेते हुए एक …
Read More »शिबू ने लालटेन जलाई – सबने दिवाली मनाई: मंजरी शुक्ला
बहुत समय पहले की बात है… एक गाँव था शिवपुर। उसी गाँव में एक चरवाहा रहता था, बहुत ही सीधा और भोला-भाला बिना किसी लालच और बिना किसी स्वार्थ के सबके दुःख सुख में एक पैर से खड़ा रहता था। गाँव वाले भी उसकी निश्चलता के कारण उसे बहुत प्यार करते थे। शिबू बड़ी ही मेहनत से गाँव वालों की …
Read More »शिक्षाप्रद हिंदी बाल-कहानी: बुद्धिमान बंजारा
एक बंजारा था। वह बैलों पर मेट (मुल्तानी मिट्टी) लादकर दिल्ली की तरफ आ रहा था। रास्ते में कई गांवों से गुजरते समय उसकी बहुत-सी मेट बिक गई। बैलों की पीठ पर लदे बोरे आधे तो खाली हो गए और आधे भरे रह गए। अब वे बैलों की पीठ पर टिके कैसे? क्योंकि भार एक तरफ हो गया। नौकरों ने …
Read More »सआदत हसन मंटो की विवादास्पद कहानी: खोल दो
अमृतसर से स्पेशल ट्रेन दोपहर दो बजे चली और आठ घंटों के बाद मुगलपुरा पहुंची। रास्ते में कई आदमी मारे गए। अनेक जख्मी हुए और कुछ इधर-उधर भटक गए। सुबह दस बजे कैंप की ठंडी जमीन पर जब सिराजुद्दीन ने आंखें खोलीं और अपने चारों तरफ मर्दों, औरतों और बच्चों का एक उमड़ता समुद्र देखा तो उसकी सोचने-समझने की शक्तियां …
Read More »सआदत हसन मंटो की लोकप्रिय कहानी हिंदी में: लाइसेंस
अब्बू कोचवान बड़ा छैल-छबीला था। उसका तांगा-घोड़ा भी शहर में नंबर वन था। वह कभी मामूली सवारी नहीं बिठाता था। उसके लगे-बंधे गाहक थे, जिनसे उसको रोजाना 10-15 रुपए वसूल हो जाते थे, जो उसके लिए काफ़ी थे। दूसरे कोचवानों की तरह उसे नशा-पानी की आदत नहीं थी, लेकिन साफ़-सुथरे कपड़े पहनने और हर वक़्त बांका बने रहने का उसे …
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