दिवाली के दिए: पखवाड़े बाद दिवाली थी। सारा शहर दीवाली के स्वागत में रोशनी से झिलमिला रहा था। कहीं चीनी मिटटी के बर्तन बिक रहे थे तो कहीं मिठाई की दुकानो से आने वाली मन भावन सुगंध लालायित कर रही थी। उसका दिल दुकान में घुसने का कर रहा था और मस्तिष्क तंग जेब के यथार्थ का बोध करवा रहा था। …
Read More »बाला की दिवाली: गरीबों की सूनी दिवाली की कहानी
बाला की दिवाली: डॉ. मंजरी शुक्ला की दिवाली पर कहानी “माँ… पटाखे लेने है मुझे” बाला ने दिवार के कोने में बैठे हुए कहा। “कहाँ से ले दूँ?” बाला की माँ, शांता का तुरंत जवाब आया। “पर दिवाली में तो सब बच्चे पटाखे फोड़ते है” बाला ने एक और कोशिश करते हुए कहा। “हाँ, पर उनके मम्मी पापा के पास …
Read More »चुग्गी मुर्गी और लोमड़ी: दिन में सपने देखने वाली मुर्गी की कहानी
चुग्गी मुर्गी और लोमड़ी की कहानी: चुग्गी मुर्गी खाने की तलाश में जंगल में इधर उधर घूम रही थी। तभी उसे उस कुछ सुनहरे रंग के गोल बीज घास के पास पड़े दिखाई दिए। वे सभी बीज सुनहरे रंग के थे और उनके हलकी सी रोशनी निकल रही थी। सुनहरे रंग की उनकी रौशनी आस-पास की घास तक बिख़र रही …
Read More »ईद मुबारक Eid Special Short Hindi Moral Story
ईद मुबारक Eid Special Short Hindi Moral Story – चारों ओर ईद की तैयारियाँ चल रही थीं। नगमा एक गरीब महिला थी, जो लोगों के घर काम करके पैसा कमाती थी। उसके साथ उसकी दस साल की बेटी सलमा भी अपनी माँ का काम समेटने में मदद करती थी। नगमा मोहम्मद साहब के घर काम करती थी। ईद के इस …
Read More »ईदगाह: प्रेमचंद की ईद के त्यौहार पर लोकप्रिय कहानी
ईदगाह: प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानी – मुंशी प्रेमचंद (अंग्रेज़ी: Munshi Premchand, जन्म: 31 जुलाई, 1880 – मृत्यु: 8 अक्टूबर, 1936) भारत के उपन्यास सम्राट माने जाते हैं जिनके युग का विस्तार सन् 1880 से 1936 तक है। यह कालखण्ड भारत के इतिहास में बहुत महत्त्व का है। इस युग में भारत का स्वतंत्रता-संग्राम नई मंज़िलों से गुज़रा। प्रेमचंद का वास्तविक …
Read More »पुनर्मिलन: कहानियों के विशेषज्ञ जोहान पीटर हेबेल
जोहान पीटर हेबेल (1760-1826) जर्मन लेखकों में अपनी छोटी-छोटी कहानियों के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं। प्रस्तुत कहानी प्रेम की एक अखिण्डत प्यास और एक ऐसे विश्वास की कहानी है, जिसके सहारे आदमी अपनी तमाम भावी सम्भावनाओं के प्रति समर्पित हो जाता है। कोई पचास बरसों से भी पहले की बात है कि फालुन में – जो कि …
Read More »नई सीख: दिल को भावुक कर देने वाली कहानी
“जब तुम्हारे सारे दोस्त फ़ीस जमा कर रहे थे तब तुम कहाँ थे?” मिश्रा सर ने अंकुर से गुस्से से पूछा। “मैं भूल गया था सर” अंकुर ने ज़मीन की ओर ताकते हुए कहा। “और जब आज फ़ीस भरने की आख़िरी तारीख़ है तो तुम मेरा हिंदी का पीरियड छोड़कर फ़ीस भरने ऑफ़िस जाना चाहते हो” सर की आवाज़ अब …
Read More »बेअरिंग की चोरी: हिंदी जासूसी कहानी
Hindi Detective Story हिंदी जासूसी कहानी: बेअरिंग की चोरी – पेज 1 सारे नागपुर शहर में 17 वर्ष के किशोर जासूस राकेश की काफी चर्चा थी। राज्य स्तर के कुछ बड़े आपराधिक मामलों को सुलझा लेने के बाद अब लोग कहने लगे थे कि वह तीक्ष्ण बुद्धि का, चुस्त एवं विलक्षण युवक है। अखबारों में भी प्रायः उसके बारे में …
Read More »नई सुबह: साक्षरता प्रेरक प्रेरणादायक बाल कहानी
“काँच के अंदर झाँकने से किताब पढ़ने को नहीं मिल जाएगा” चाय की गुमटी से बापू गुस्से से चीखे जो लाइब्रेरी के पास ही बनी हुई थी। छोटू पर इस बात का कोई असर नहीं हुआ। वह चेहरे से बारिश की बूँदें पोंछता हुआ शीशे के अंदर देखता रहा। अंदर का दृश्य उसके लिए किसी स्वप्न लोक से कम नहीं …
Read More »न्याय: घर की नौकरानी की रोजमरा के दुखों से टिक-टोक
“पाँच हज़ार रुपये दे दो बाबूजी…” धन्नो बाबूजी के पैरों पर अपना सिर रखे दहाड़े मार कर रो रही थी और बाबूजी निर्विकार भाव से बैठकर पेपर पढ़ रहे थे। रोते-रोते धन्नों की हिचकियाँ बंध गई थी और आँखें सूजकर लाल हो चुकी थी पर बाबूजी किसी बुत की तरह बिना हिले डुले चुपचाप अपनी आरामकुर्सी पर बैठे हुए थे। …
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