Tag Archives: Hindi Poems on Restlessness

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा: मुहम्मद इक़बाल की देशप्रेम ग़ज़ल

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा: मुहम्मद इक़बाल की देशप्रेम ग़ज़ल

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा: This great poem was written by Allama Muhammad Iqbal, a great poet-philosopher and active political leader. Iqbal was born at Sialkot, Punjab, in 1877. He descended from a family of Kashmiri brahmins but his grandfather Sahaj Ram Sapru, had to embrace Islam (Reference). In 1904, Iqbal, then a young lecturer at the Government College, …

Read More »

कबीर के दोहे: Couplets of Kabir Das

Famous Kabir Das Ke Dohe कबीर के दोहे

कबीरदास भारत के महानतम कवी थे, इन्होने जीवन और उसके भीतर भावनाओ को अहम् बताया और मनुष्य को मार्गदर्शन दिया। इनके काव्य में कहीं भी धर्म का विषय नहीं था, ये सिकन्दर लोदी के समय के समाज सुधारक थे। कबीर के दोहे जीवन को राह देते हैं। Name Kabir Das / कबीर दास Born लगभग (1398 या 1440) लहरतारा, निकट …

Read More »

साधो ये मुर्दों का गाँव: संत कबीर की हिन्दी कविता

Sant Kabir Devotional Composition साधो ये मुरदों का गाँव

साधो ये मुर्दों का गाँव: Here is a famous composition of Saint Kabir Das, a nirguni saint of 15th century, who lived in Varanasi. In the present composition Kabir points out how fleeting the life is. Be it a prophet, a King, divine personalities, common people, doctor and patients, all eventually die. This is indeed a world of dead people. …

Read More »

उर्वशी (नर प्रेम – नारी प्रेम): रामधारी सिंह दिनकर

उर्वशी (नर प्रेम - नारी प्रेम): रामधारी सिंह दिनकर

रामधारी सिंह दिनकर साहित्य के वह सशक्त हस्ताक्षर हैं जिनकी कलम में दिनकर यानी सूर्य के समान चमक थी। उनकी कविताएं सिर्फ़ उनके समय का सूरज नहीं हैं बल्कि उसकी रौशनी से पीढ़ियां प्रकाशमान होती हैं। रामधारी सिंह ‘दिनकर’ (जन्म: 23 सितंबर, 1908, बिहार; मृत्यु: 24 अप्रैल, 1974, तमिलनाडु) हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक, कवि एवं निबंधकार थे। ‘राष्ट्रकवि दिनकर’ आधुनिक …

Read More »

नव वर्ष के स्वागत में: रंजना सोनी

New Year Hindi Poem नव वर्ष के स्वागत में

नव वर्ष के स्वागत में: रंजना सोनी – नव वर्ष की प्रणाली ब्रह्माण्ड पर आधारित होती है, यह तब शुरु होता है जब सूर्य या चंद्रमा मेष के पहले बिंदु में प्रवेश करते हैं। आज, चंद्रमा मेष राशि में प्रवेश कर चुका है और दिन बाद अर्थात 13 अप्रैल को सूरज मेष राशि के पहले बिंदु में प्रवेश करेगा, जिस …

Read More »

नव वर्ष के कोरे पन्नों पर: नयें साल की कविता

नव वर्ष के कोरे पन्नों पर: नयें साल की कविता

नव वर्ष एक उत्सव की तरह पूरे विश्व में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तिथियों तथा विधियों से मनाया जाता है। विभिन्न सम्प्रदायों के नव वर्ष समारोह भिन्न-भिन्न होते हैं और इसके महत्त्व की भी विभिन्न संस्कृतियों में परस्पर भिन्नता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में नव वर्ष अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है। प्रायः ये तिथि मार्च और अप्रैल के …

Read More »

यह कदम्ब का पेड़: सुभद्रा कुमारी चौहान

यह कदम्ब का पेड़: सुभद्रा कुमारी चौहान

यह कदम्ब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे। मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे॥ ले देतीं यदि मुझे बांसुरी तुम दो पैसे वाली। किसी तरह नीची हो जाती यह कदंब की डाली॥ यह कदम्ब का पेड़: सुभद्रा कुमारी चौहान तुम्हें नहीं कुछ कहता पर मैं चुपके-चुपके आता। उस नीची डाली से अम्मा ऊँचे पर चढ़ जाता॥ वहीं …

Read More »

सभा का खेल: सुभद्रा कुमारी चौहान की हिंदी बाल-कविता

सभा का खेल: सुभद्रा कुमारी चौहान

सभा सभा का खेल आज हम, खेलेंगे जीजी आओ। मैं गांधी जी छोटे नेहरू, तुम सरोजिनी बन जाओ॥ सभा का खेल: सुभद्रा कुमारी चौहान मेरा तो सब काम लंगोटी, गमछे से चल जायेगा। छोटे भी खद्दर का कुर्ता, पेटी से ले आयेगा॥ लेकिन जीजी तुम्हें चाहिये, एक बहुत बढ़िया सारी। वह तुम मां से ही ले लेना, आज सभा होगी …

Read More »

मंगल भवन अमंगल हारी: रविंदर जैन का भक्ति गीत

Jaspal Singh Devotional Bhajan from Geet Gaata Chal राम सिया राम

Geet Gaata Chal is a Hindi film released in 1975. Produced by Tarachand Barjatya for Rajshri Productions, the film is directed by Hiren Nag. The film stars Sachin, Sarika, Madan Puri, Padma Khanna and Leela Mishra. The songs written and composed by Ravindra Jain. The movie is a remake of 1965 Bengali movie Atithi. मंगल भवन अमंगल हारी: जसपाल सिंह …

Read More »

श्वेत कबूतर: अचानक मिलने वाली खुशी पर कविता

श्वेत कबूतर: वीरबाला भावसार

श्वेत कबूतर कविता: It happens some times. We get suddenly and without expecting, some thing that we had longed for a long long time. Heart is thrilled, and it sings, and dances! Coming of a white pigeon is a metaphor of such a rare thrill. श्वेत कबूतर कविता: डॉ. वीरबाला मेरे आंगन श्वेत कबूतर! उड़ आया ऊंची मुंडेर से, मेरे …

Read More »