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बृहदेश्वर मंदिर, तंजावुर, तमिलनाडु: द्रविड़ वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण

बृहदेश्वर मंदिर, तंजावुर, तमिलनाडु

तंजावुर का बृहदेश्वर मंदिर: नींव नहीं फिर भी सब कुछ भव्य-विशाल, 200 फुट की ऊँचाई और 81000 किलो का पत्थर बृहदेश्वर मंदिर की वास्तुकला न केवल विज्ञान और ज्यामिति के नियमों का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है, बल्कि इसकी संरचना कई रहस्य भी उत्पन्न करती है। मंदिर का निर्माण द्रविड़ वास्तुशैली के आधार पर हुआ है। तमिलनाडु के तंजावुर में स्थित बृहदीश्वर …

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बादामी गुफा मंदिर, बादामी, बागलकोट जिला, कर्नाटक

बादामी गुफा मंदिर, बादामी, बागलकोट जिला, कर्नाटक

  भारत देश में ऐसी बहुत सी ऐतिहासिक और प्रसिद्ध गुफाएं हैं, जिनका रहस्य आज तक कोई सुलझा नहीं पाए। आज हम आपको ऐसी ही एक गुफा के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने अंदर कितने रहस्य और सुंदरता को समेटे हुए हैं। इस गुफा के बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते हैं कि ये गुफा कहां और …

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शक्तिपीठ माता आद्रवासिनी लेहड़ा देवी, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश

शक्तिपीठ माता आद्रवासिनी लेहड़ा देवी, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश

[content_block id=48 slug=ads1]हिंदू धर्म के ग्रंथों और पौराणिक शास्त्रों में ऐसे कईं मंदिर और धार्मिक स्थलों का वर्णन किया गया है जिनका निर्माण रामायण और महाभारत के समय हुआ है। माना जाता है ऐसे बहुत से मंदिर हैं जिनका निर्माण महाभारत पांडवों द्वारा किया गया है, जिन में से बहुत से ऐसे मंदिर है जिनसे संबंधित पौराणिक कथाएं और मान्यताएं …

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पुष्कर सरोवर, अजमेर, राजस्थान

पुष्कर सरोवर, अजमेर, राजस्थान

पुष्कर के पवित्र सरोवर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में नाग पहाड़ों की पर्वत श्रृंखला है। पर्वतों की यह श्रृंखला घाटों के बहुत ही करीब से प्रारम्भ हुई है, जबकि उत्तर दिशा में कोई पहाड़ नहीं है। ईशान कोण में थोड़ी दूरी पर छोटी पहाड़ी है और पूर्व दिशा में जो पहाड़ है, वह पहाड़ सरोवर से काफी दूरी पर स्थित है। …

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नासिक, महाराष्ट्र

नासिक, महाराष्ट्र

मान्यताओं के अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के दौरान नासिक के पास स्थित तपोवन नामक स्थान पर ठहरे थे। यहीं लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक काटी थी और इसलिए इस जगह का नाम नासिक पड़ा, जोकि एक नाक का ही अनुवाद रूप है। 150 ईसा पूर्व के प्रसिद्ध दार्शनिक प्लोतेमी ने भी नासिक का उल्लेख किया …

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महाबलिपुरम, तमिलनाडु

महाबलिपुरम, तमिलनाडु

तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई से करीब 60 कि.मी. दक्षिण की ओर सागर तट पर स्थित है – महाबलिपुरम। यह स्थान अपने पुरातन मंदिरों तथा स्थापत्य कला के वैभव के लिए भारत ही नहीं, संपूर्ण जगत में मशहूर है। यह ऐतिहासिक तथ्य है कि पत्थरों को तराश कर कलात्मक मंदिरों तथा गुफाओं के निर्माण का काम पल्लव राजवंश के राजाओं …

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इंडोनेशिया धर्मनिरपेक्षता की अद्भुत मिसाल

इंडोनेशिया धर्मनिरपेक्षता की अद्भुत मिसाल

विश्व के मुस्लिम बहुल देशों में इंडोनेशिया धर्मनिरपेक्षता का अद्भुत उदाहरण पेश करता है जब वहां हिंदू अपने उत्सव मनाते हैं और इस्लाम के बड़े-बड़े धर्मगुरु भी इन समारोहों में बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं। इंडोनेशिया की आबादी 23 करोड़ के लगभग है। इस देश में इस्लाम के अनुयायी 88 प्रतिशत हैं जबकि हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की …

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सूर्य मंदिर, मोढ़ेरा, मेहसाणा, गुजरात

सूर्य मंदिर, मोढ़ेरा, मेहसाणा, गुजरात

यह मंदिर अहमदाबाद से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सम्राट भीमदेव सोलंकी प्रथम ने करवाया था। यहां पर इसके संबंध में एक शिलालेख भी मिलता है। सोलंकी सूर्यवंशी, वे सूर्य को कुलदेवता के रूप में पूजते थे। इसलिए उन्होंने अपने आराध्य देवता की आराधना के लिए एक भव्य सूर्य …

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रेणुका झील, नाहन, जिला सिरमौर, हिमाचल प्रदेश

रेणुका झील, नाहन, जिला सिरमौर, हिमाचल प्रदेश

त्रेतायुग के महान सम्राट मंधाता के पौत्र प्रतिसेनजित की रेणुका और बेणुका नाम की दो अत्यंत रूपवती कन्याएं थीं। राजा को अपने धन-वैभव पर बहुत अहंकार था तथा उन्होंने एक दिन अपनी दोनों पुत्रियों से पूछा कि तुम किसका दिया खाती हो। बेणुका ने तो कह दिया कि पिता जी हम तो आपका दिया खाती हैं मगर रेणुका बोली कि …

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रावण पूजन, बिसरख गांव, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश

रावण पूजन, बिसरख गांव, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश

भारत में विजयदशमी पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। बुराई के प्रतीक के रूप में रावण का विशालकाय पुतला जलाया जाता है। कई स्थानों पर रावण के साथ-साथ मेघनाथ तथा कुम्भकरण के भी पुतले जलाए जाते हैं। आज रात को देश भर में हर्षोल्लास के साथ रावण दहन किया जाएगा। लेकिन ग्रेटर नोएडा के …

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