अहतियात - निदा फ़ाज़ली

अहतियात – निदा फ़ाज़ली

घर से बाहर
जब भी जाओ
तो ज्यादा से ज्यादा
रात तक लौट आओ
जो कई दिन तक ग़ायब रह कर वापस आता है
वो उम्र भर पछताता है
घर अपनी जगह छोड़ कर चला जाता है।

~ निदा फ़ाज़ली

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