स्वामी नारायण मंदिर नीसडन, लंदन: विदेश में सबसे बड़ा हिन्दू धर्मस्थल

स्वामी नारायण मंदिर नीसडन, लंदन: विदेश में सबसे बड़ा हिन्दू धर्मस्थल

स्वामी नारायण मंदिर नीसडन भारत के बाहर सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर है, जो पूरी तरह से वैदिक भारतीय मंदिर स्थापत्य शैली के अनुसार बनाया गया है। इसका निर्माण 1982 में शुरू हुआ और 20 अप्रैल, 1995 को स्वामी नारायण सम्प्रदाय के प्रमुख स्वामी महाराज द्वारा इसका उद्घाटन किया गया।

स्वामी नारायण मंदिर नीसडन: Swaminarayan Temple Neasden

Name: स्वामी नारायण मंदिर नीसडनबीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर; नेसडेन मंदिर; BAPS* Shri Swaminarayan Mandir, London (Neasden Temple)
Location: Pramukh Swami Rd, Neasden, London NW10 8HW, United Kingdom
Deity: Swaminarayan, Radha-Krishna, Rama-Sita, Shiva-Parvati
Festivals:
Affiliation: Hinduism
Creator: Pramukh Swami Maharaj / BAPS
Architecture Type: North-Indian Architecture

इसके गर्भगृह को स्वामी नारायण (विष्णु), राधा-कृष्ण, राम-सीता और शिव-पार्वती की मूर्तियों से सजाया गया है, जिनकी पूजा दैनिक रीति से की जाती है। इस मंदिर के बारे में सबसे महत्वपूर्ण और आश्चर्यजनक तथ्य है कि इसके निर्माण के दौरान एक इंच भी लोहे या स्टील का उपयोग नहीं किया गया था।

पूरी इमारत भारतीय और इतालवी संगमरमर, सार्डिनियन ग्रेनाइट और बल्गेरियाई चूना पत्थर से तैयार की गई है।

इस मंदिर का नक्शा प्रसिद्ध वास्तुकार सी.बी. सोमपुरा द्वारा डिजाइन किया गया था और यह वास्तुकला का एक दुर्लभ उदाहरण है। दूधिया बल्गेरियाई वाट्जा प्रकार के चूना पत्थर, केरारा प्रकार के इतालवी और अम्बाजी प्रकार के भारतीय मार्बल का उपयोग सदियों से मंदिर निर्माण की आंतरिक और बाहरी सुंदरता को वायु प्रदूषण से बचाने के लिए किया जाता रहा है, जिसका रंग सैंकड़ों वर्षों तक बरकरार रहता है।

मंदिर के सात गुंबदों में से प्रत्येक के नीचे एक गर्भगृह है, जहां देवी-देवताओं कौ मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर के तहखाने में हिन्दू धर्म से संबंधित एक बहुत बड़ा और अत्याधुनिक संग्रहालय तथा पुस्तकालय है, जहां वेद, उपनिषद, प्रदर्शित किया गया है।

यहां तीर्थ यात्रियों और विशेष रूप से बच्चों को 3D, लेजर शो, फिल्मों और भारतीय हस्तशिल्प के माध्यम से हिन्दू धर्म के बारे में ज्ञान दिया जाता है। मंदिर के ठीक सामने स्वामी नारायण स्कूल है जो यूरोप का पहला आत्मनिर्भर हिन्दू स्कूल है। इस विद्यालय में सामान्य स्कूली शिक्षा के अलावा हिन्दी, संस्कृत, हिन्दू संस्कृति, कत्थक आदि नृत्यों और शुद्ध भारतीय गीत-संगीत की शिक्षा दी जाती है।

मंदिर की अद्भुत वास्तुकला और समुदाय के लिए योगदान के चलते इसे कई सम्मान मिल चुके हैं। इनमें इंगलैंड का “प्राइड ऑफ प्लेस अवार्ड“, लंदन के 7 अजूबों में शामिल किया जाना, वर्ष 2000 में लंगर में सरवांधिक विविध प्रकार के सात्विक भोजन परोसने के लिए “गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स“, आधुनिक युग के 70 अजूबों में स्थान, रॉयल कमीशन ऑफ द हिस्टोरिकल अवार्ड 1998, मोस्ट ब्यूटीफुल बिल्डिंग अवार्ड 1996 आदि शामिल हैं।