श्री गेंदेश्‍वर महादेव द्वादश ज्‍योर्तिलिंग मंदिर, इंदौर, मध्य प्रदेश

श्री गेंदेश्‍वर महादेव द्वादश ज्‍योर्तिलिंग मंदिर, इंदौर

श्री गेंदेश्‍वर महादेव द्वादश ज्‍योर्तिलिंग मंदिर: भगवान शिव के इस धरती पर जितने भी मंदिर हैं, शायद ही किसी और देव के होंगे। हिंदू धर्म के अनुसार कहा जाता है कि महादेव जहां-जहां प्रकट हुए वहां शिवलिंग स्थापित हो गए। आज हम इनके यानि भोलेनाथ के एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में स्थापित हैं। बता दें कि गेंदेश्वर महादेव नामक ये मंदिर के न केवल इंदौर में प्रसिद्ध है बल्कि भगवान शंकर का यें स्थल पूरे मध्य प्रदेश की आस्था का केंद्र है। तो आइए जानते हैं मंदिर से जुड़ी कुछ ऐसी दिलचस्प बातें जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे।

  • Address: Pardesi Pura Main Rd, Subhash Market, Subhash Nagar, Pardesipura, Indore, Madhya Pradesh 452011 India
  • Temple Timing: 06:00 AM – 10:00 PM

भगवान शिव के इस धरती पर जितने भी मंदिर हैं, शायद ही किसी और देव के होंगे। हिंदू धर्म के अनुसार कहा जाता है कि महादेव जहां-जहां प्रकट हुए वहां शिवलिंग स्थापित हो गए। आज हम इनके यानि भोलेनाथ के एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में स्थापित हैं। बता दें कि गेंदेश्वर महादेव नामक ये मंदिर के न केवल इंदौर में प्रसिद्ध है बल्कि भगवान शंकर का यें स्थल पूरे मध्य प्रदेश की आस्था का केंद्र है। तो आइए जानते हैं मंदिर से जुड़ी कुछ ऐसी दिलचस्प बातें जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे।

श्री गेंदेश्‍वर महादेव द्वादश ज्‍योर्तिलिंग मंदिर, इंदौर

इस मंदिर की खास बात ये है कि यहां पर महादेव को खुश करने के लिए तांडव आरती की जाती है। जी हां, मंदिर के पुजारियों के बताए अनुसार वे हर रोज़ एक पैर पर खड़े होकर यहां महादेव की तांडव आरती करते हैं, जो लगभग एक घंटे तक चलती है। इस तांडव आरती को देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां पर आते हैं।

कहते हैं कि सावन के महीने में तो गेंदेश्वर महादेव मंदिर का नज़ारा इतना अच्छा होता है कि यहां आने वाले भक्त इनके रंग में पूरी तरह से खो जाते हैं। मंदिर में तांडव आरती को देखने के लिए भक्तों में विशेष ही तरह का उत्साह पाया जाता है।

आपको बता दें कि महादेव का ये मंदिर इंदौर के परदेशीपुरी में स्थित है। मान्यताओं के अनुसार मंदिर में हो रही ताडंव आरती लगभग 15 सालों से होती आ रही है। आरती के पहले पुजारी 13 फीट लंबा बिना सिला हुआ रेशमी चोला धारण करते हैं। सर पर तिलक लगाकर माथे पर पगड़ी पहनते हैं। इसके साथ ही आरती करने से पहले पुजारी दोनों हाथ, गले और कमर में कुल मिलाकर 1100 रुद्राक्ष की मालाएं धारण करते हैं। आरती के दौरान नृत्य की अलग-अलग आकृतियां भी पेश करते हैं। जिन्हें देखकर भक्त दंग रह जाते हैं।

गेंदेश्‍वर महादेव में कैसे शुरू हुई ताडंव आरती

यहां के लोगों के कहे अनुसार एक दिन आरती करते-करते अचानक पुजारियों के हाथ-पैर थिरकने लगे जिसके बाद ये सिलसिला शुरू हो गया, जो लगातार अब तक चला आ रहा है। कहा जाता है इसे देखने के बाद ही लोगों ने यहां होने वाली आरती को तांडव आरती नाम दिया।

पुजारियों का कहना है ये आरती शिव की कृपा का ही परिणाम है। आपको बता दें कि ये विश्व का एकमात्र मंदिर है जहां तांडव आरती होती है। बता दें कि गेंदेश्वर महादेव मंदिर के गर्भगृह में 12 ज्योतिर्लिंग के साथ-साथ चारों धाम की प्रतिमाएं हैं।

इसलिए पहनते हैं 1100 रुद्राक्ष

मंदिर के बहुत पुराने पुजारी का कहना है कि शास्त्रों में लिखा है कि 1100 रुद्राक्ष पहनकर अभिषेक या पूजा करने से शिव बहुत प्रसन्न होते हैं। इसिलए यहां रुद्राक्ष की माला धारण करने के बाद ही आरती की जाती है।

Check Also

दुलादेव मन्दिर: दुल्हादेव मन्दिर या कुंवरनाथ मंदिर, खजुराहो, मध्य प्रदेश

दुलादेव मंदिर: दुल्हादेव मंदिर या कुंवर नाथ मंदिर, खजुराहो, मध्य प्रदेश

दुलादेव मंदिर: खजुराहो के मंदिर सुन्दर वास्तुकला और कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं। पूरे …