कौशल्या माता मंदिर, चंदखुरी, छत्तीसगढ़

कौशल्या माता मंदिर, चंदखुरी, छत्तीसगढ़

आप सबने ऐसे कई मंदिरों के बारे में सुना होगा जहां भगवान राम विराजित हैं। ज्यादातर भारत में ऐसे मंदिर हैं जहां श्रीराम पत्नी हनुमान जी और भाई लक्ष्मण के साथ स्थापित हैं। लेकिन भारत में एक ऐसा मंदिर हैं, जहां मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम अपनी माता के साथ विराजमान हैं। जी हां, इस मंदिर में भगवान राम अपने बाल रूप में अपनी मां की गोद में बैठे हुए हैं। तो आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में:

कौशल्या माता मंदिर, चंदखुरी, छत्तीसगढ़

बता दें कि ये मंदिर छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में स्थित है। कहा जाता है कि यहां सात तालाबों से घिरे जलसेन तालाब के बीच में एक द्वीप स्थित है, यही मां कौशल्या का मंदिर है। इस परिसर के अंदर माता कौशल्या के अलावा श्री राम के अलावा शिव जी और नंदी की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं। इसके साथ ही मंदिर के मुख्य द्वार पर श्री राम के परम भक्त हनुमान जी की प्रतिमा है। यहां के लोगों का कहना है कि इस मंदिर में सीताफल का एक खास पेड़ लगा हुआ है, जिसे मन्नत का पेड़ कहते हैं। मान्यता है कि पर्ची में अपना नाम लिखकर उसे श्रीफल के साथ पेड़ पर बांधने से लोगों की मुरादें पूरी होती हैं। माना जाता है जो भी भक्त यहां आकर श्रद्धा से श्रीफल बांधता है उसकी हर मुराद ज़रूर पूरी होती है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंदिर को लेकर पौराणिक कथाओं के अनुसार यहां पर एक वृक्ष के नीचे सुषेण वैध की समाधि है। रामायण के मुताबिक सुषेण रावण का राजवैद्य था। कहा जाता है कि जब मेघनाद के साथ युद्ध में लक्ष्मण मूर्छित हो गए, तब सुषेण ने ही संजीवनी बूटी मंगाकर लक्ष्मण के प्राण बचाए थे। माना जाता है कि श्री राम जब रावण को मारकर वापस अयोध्या आए थे तो सुषेण वैध को भी अपने साथ ले आए थे। उन्होंने अपनी अंतिम सांसें भी यहीं ली थी, यहां उनकी समाधि बनी हुई है।

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