पीएम मोदी ने जलमग्न द्वारका नगरी के किए दर्शन

पीएम मोदी ने जलमग्न द्वारका नगरी के किए दर्शन

“समुद्र की गहराई में मुझे दिव्यता का अनुभव हुआ…”: पीएम मोदी ने जलमग्न द्वारका नगरी के किए दर्शन, द्वारकाधीश श्रीकृष्ण को नमन किया

बता दें कि यदुकुलवंशी भगवान श्रीकृष्ण द्वारका का राजा थे। कहा जाता है कि द्वापर में उनके परलोक गमन के बाद द्वारका नगरी समुद्र में विलीन हो गई थी। जिस स्थान पर द्वारका नगरी होने की बात कही जाती है, वहाँ पर समुद्र में एक शहर मिला है। इस शहर का जलमग्न खंडहर अभी भी देखने में बेहद भव्य दिखता है।

पीएम मोदी का द्वारकाधीश श्रीकृष्ण को नमन किया

पीएम मोदी द्वारका में: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गृह राज्य गुजरात में हैं। उन्होंने बेट द्वारका को जोड़ने वाली भारत की सबसे बड़ी केबल ब्रिज सुदर्शन पुल का भी उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने मंदिर जाकर भगवान द्वारकाधीश के दर्शन भी किए। इसके बाद पीएम मोदी ने समुद्र में डुबकी लगाई और जलमग्न हो चुके द्वारका का दर्शन कर वहाँ भगवान कृष्ण की प्रार्थना की।

बता दें कि यदुकुलवंशी भगवान श्रीकृष्ण द्वारका का राजा थे। कहा जाता है कि द्वापर में उनके परलोक गमन के बाद द्वारका नगरी समुद्र में विलीन हो गई थी। जिस स्थान पर द्वारका नगरी होने की बात कही जाती है, वहाँ पर समुद्र में एक शहर मिला है। इस शहर का जलमग्न खंडहर अभी भी देखने में बेहद भव्य दिखता है।

समुद्र के नीचे जाने के लिए प्रधानमंत्री ने आवश्यक उपकरणों का प्रयोग किया। इस दौरान उनकी ली गईं कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर आई हैं। इन तस्वीरों को अपने X हैंडल पर साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा, “पानी में डूबी द्वारिका नगरी में प्रार्थना करना बहुत ही दिव्य अनुभव था। मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ। भगवान श्री कृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें।”

वहाँ, द्वारका दर्शन रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “आज मैंने उन क्षणों का अनुभव किया जो सदैव मेरे साथ रहेंगे… मैं समुद्र की गहराई में गया और प्राचीन द्वारका नगरी के ‘दर्शन’ किए। पानी के अंदर छिपी द्वारका नगरी के बारे में पुरातत्वविदों ने बहुत कुछ लिखा है। हमारे धर्मग्रंथों में भी द्वारका के बारे में कहा गया है कि यह सुंदर द्वारों और दुनिया की चोटी जितनी ऊँची इमारतों वाला शहर था। इस नगर का निर्माण स्वयं भगवान कृष्ण ने किया था।”

उन्होंने आगे कहा, “जब मैं समुद्र की गहराई में गया तो मुझे दिव्यता का अनुभव हुआ… मैंने द्वारकाधीश के सामने सिर झुकाया। मैं अपने साथ एक मोर पंख ले गया और उसे भगवान कृष्ण के चरणों में रख दिया। मैं हमेशा वहाँ जाने और प्राचीन द्वारका शहर के अवशेष को छूने के लिए उत्सुक था। मैं आज भावनाओं से भर गया हूँ… दशकों पुराना सपना आज पूरा हो गया।”

बता दें कि सुदर्शन सेतु द्वारकाधीश मंदिर में आने वालों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। इसके साथ ही ओखा मेनलैंड को बेट द्वारका द्वीप से जोड़ने से इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगी। सुदर्शन सेतु के निर्माण से पहले तीर्थयात्रियों को बेयत, द्वारकाधीश मंदिर तक पहुँचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता था। बेट द्वारका ओख बंदरगाह के पास एक द्वीप है, जो द्वारका से 30 किलोमीटर दूर है।

PM inaugurates country's longest cable-stayed bridge, Sudarshan Setu
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सुदर्शन सेतु को भगवद्गीता के श्लोकों और दोनों तरफ भगवान कृष्ण की छवियों से सजाया गया है। चार लेन वाले इस सिग्नेचर ब्रिज पर दोनों तरफ 50 मीटर चौड़े फुटपाथ हैं। फुटपाथ के ऊपरी हिस्सों पर सौर पैनल लगाए गए हैं, जो 1 मेगावाट बिजली भी पैदा करते हैं। बता दें कि पीएम मोदी ने अक्टूबर 2017 में इस पुल की नींव रखी थी। इस पुल से लक्षद्वीप के लोगों को भी लाभ मिलेगा।

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