विदा देती एक दुबली बाँह-सी यह मेड़ अंधेरे में छूटते चुपचाप बूढ़े पेड़ ख़त्म होने को ना आएगी कभी क्या एक उजड़ी माँग-सी यह धूल धूसर राह? एक दिन क्या मुझी को पी जाएगी यह सफ़र की प्यास, अबुझ, अथाह? क्या यही सब साथ मेरे जाएँगे ऊँघते कस्बे, पुराने पुल? पाँव में लिपटी हुई यह धनुष-सी दुहरी नदी बींध देगी …
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अहिंसा – भारत भूषण अग्रवाल
खाना खा कर कमरे में बिस्तर पर लेटा सोच रहा था मैं मन ही मन : ‘हिटलर बेटा’ बड़ा मूर्ख है‚ जो लड़ता है तुच्छ क्षुद्र–मिट्टी के कारण क्षणभंगुर ही तो है रे! यह सब वैभव धन। अन्त लगेगा हाथ न कुछ दो दिन का मेला। लिखूं एक खत‚ हो जा गांधी जी का चेला वे तुझ को बतलाएंगे आत्मा …
Read More »अगर डोला कभी इस राह से गुजरे – धर्मवीर भारती
अगर डोला कभी इस राह से गुजरे कुवेला, यहां अम्बवा तरे रुक एक पल विश्राम लेना, मिलो जब गांव भर से बात कहना, बात सुनना भूल कर मेरा न हरगिज नाम लेना। अगर कोई सखी कुछ जिक्र मेरा छेड़ बैठे, हंसी मे टाल देना बात, आंसू थाम लेना। शाम बीते, दूर जब भटकी हुई गायें रंभाएं नींद में खो जाए …
Read More »अभी न सीखो प्यार – धर्मवीर भारती
यह पान फूल सा मृदुल बदन बच्चों की जिद सा अल्हड़ मन तुम अभी सुकोमल‚ बहुत सुकोमल‚ अभी न सीखो प्यार! कुंजों की छाया में झिलमिल झरते हैं चांदी के निर्झर निर्झर से उठते बुदबुद पर नाचा करतीं परियां हिलमिल उन परियों से भी कहीं अधिक हलका–फुलका लहराता तन! तुम अभी सुकोमल‚ बहुत सुकोमल‚ अभी न सीखो प्यार! तुम जा …
Read More »क्या भारत का सिस्टम आम जनता को धोखा देता है?
आप खुद देखिये…
Read More »भारत के राज्यों के नाम याद रखने का आसान तरीका
बच्चों को राज्यों के नाम याद रखने में परेशानी होती है। इसके समाधान के लिए मैंने एक छोटा सा प्रयास किया है। राज्यों के लिए मैंने एक पंक्ति बनाई है। जिसके एक वर्ण से एक राज्य बनता है। शायद अध्यापक साथियों को ये प्रयास पसन्द आए – राज्यों के लिए पंक्ति: “मित्र अतरा मुझसे कहता है मैं =================== अपने छ: बागों …
Read More »भारत देश के गुरुकुल कैसे विलुप्त हुए
1858 में Indian Education Act बनाया गया। इसकी ड्राफ्टिंग ‘लोर्ड मैकोले’ ने की थी। लेकिन उसके पहले उसने यहाँ (भारत) के शिक्षा व्यवस्था का सर्वेक्षण कराया था, उसके पहले भी कई अंग्रेजों ने भारत के शिक्षा व्यवस्था के बारे में अपनी रिपोर्ट दी थी। अंग्रेजों का एक अधिकारी था G.W. Litnar और दूसरा था Thomas Munro, दोनों ने अलग अलग …
Read More »भारतीय सभ्यता का फ़िल्मी इंटरवल
बॉलीवुड के बादल छाये, बदलावों की बारिश है, ये है सिर्फ सिनेमा या फिर सोची समझी साजिश है! याद करो आशा पारिख के सर पे पल्लू रहता था, हीरो मर्यादा में रहकर प्यार मोहब्बत करता था! प्रणय दृश्य दो फूलों के टकराने में हो जाता था, नीरज, साहिर के गीतों पर पावन प्रेम लजाता था! लेकिन अब तो बेशर्मी के …
Read More »भारत के 7 सबसे खूबसूरत रेलवे ट्रैक्स
भारतीय रेल दुनियाँ की सबसे विस्तृत रेल सेवाओं में से एक है। भारतीय रेल की पटरियों का जाल पूरे भारत में लगभग 71 हज़ार मील में फैला हुआ है। यह हर साल लगभग 9 अरब लोगों को उनकी मंज़िल तक पहुँचाती है। निःसंदेह छुक-छुक करती रेल में खिड़की पर बैठ कर खूबसूरत नज़रों को देखने से बेहतर कुछ भी नहीं …
Read More »भारत माँ के लाल – तरुश्री माहेश्वरी
हम हैं भारत माँ के लाल यूँ तो हम कहलाते बाल, भारत की शान बढ़ाएंगे इस पर शीश झुकाएँगे। जो हम से टकराएगा मुफ्त में मारा जाएगा, कह दो इस जहाँ से पंगा न ले हिंदुस्तान से। कहने को हमें जोश नहीं ये मत समझो होश नहीं, यह देश जो हमें बुलाएगा हर बच्चा शीश कटाएगा। ∼ तरुश्री माहेश्वरी
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