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गणतंत्र पर अनमोल विचार विद्यार्थियों और बच्चों के लिए

गणतंत्र पर कुछ अनमोल विचार

गणतंत्र पर अनमोल विचार गणतंत्र पर अनमोल विचार विद्यार्थियों और बच्चों के लिए: गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन सन 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया था। एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश के संक्रमण को पूरा करने के लिए, 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा …

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आने वाले कल की तुम तस्वीर हो: इन्दीवर

आने वाले कल की तुम तस्वीर हो: इन्दीवर

आने वाले कल की तुम तस्वीर हो नाज करेगी दुनिया तुम पर दुनिया की तक़दीर हो आने वाले कल की तुम तस्वीर हो नाज करेगी दुनिया तुम पर दुनिया की तक़दीर हो। तुम हो किसी कुटिया के दीपक जग में उजाला कर दोगे भोली भाली मुस्कानों से सबकी झोली भर दोगे हस्ते चलो ज़माने में तुम चलता हुआ एक तीर …

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नन्हा मुन्ना राही हूँ: शकील बदायूंनी

नन्हा मुन्ना राही हूँ: शकील बदायूंनी

नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ बोलो मेरे संग जय हिंद जय हिंद जय हिंद… रस्ते पे चलूँगा न डर डर के, चाहे मुझे जीना पड़े मर मर के, मंजिल से पहले न लूँगा कभी दम, आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम, दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम। नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ, बोलो मेरे संग जय हिंद …

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खूनी हस्‍ताक्षर: गोपाल प्रसाद व्यास

Gopal Prasad Vyas Inspirational Patriotic Hindi Poem खूनी हस्‍ताक्षर

Neta Ji Subhas Chandra Bose organized the Indian National Army in early 1940s to fight the foreign occupation of the country. He promised freedom for the country but demanded full dedication of the people to this end. I am thankful to an unnamed reader who sent me a scanned copy of this lovely poem. This is a remarkable poem that …

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नेताजी का तुलादान: गोपाल प्रसाद व्यास

नेताजी का तुलादान - गोपाल प्रसाद व्यास: Patriotic Poem on Subhash Chandra Bose

देखा पूरब में आज सुबह, एक नई रोशनी फूटी थी। एक नई किरन, ले नया संदेशा, अग्निबान-सी छूटी थी॥ एक नई हवा ले नया राग, कुछ गुन-गुन करती आती थी। आज़ाद परिन्दों की टोली, एक नई दिशा में जाती थी॥ एक नई कली चटकी इस दिन, रौनक उपवन में आई थी। एक नया जोश, एक नई ताज़गी, हर चेहरे पर …

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जन गण मन की कहानी

सन 1911 तक भारत की राजधानी बंगाल हुआ करता था। सन 1905 में जब बंगाल विभाजन को लेकर अंग्रेजो के खिलाफ बंग-भंग आन्दोलन के विरोध में बंगाल के लोग उठ खड़े हुए तो अंग्रेजो ने अपने आपको बचाने के लिए के कलकत्ता से हटाकर राजधानी को दिल्ली ले गए और 1911 में दिल्ली को राजधानी घोषित कर दिया। पूरे भारत में उस समय लोग …

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राष्ट्रगान मुझको भी आता है: मनोहर लाल ‘रत्नम’

राष्ट्रगान मुझको भी आता है: मनोहर लाल ‘रत्नम’

जन गण मन बीमार पड़ा है, अधिनायक है कहाँ सो गया, भारत भाग्य विधाता भी तो, इन गलियों में कहीं खो गया। मेरे भारत के मस्तक पर, है आतंक की काली छाया – कर्णधार जितने भारत के, इन सबको है संसद भाता। मुझसे यदि पूछ कर देखो, राष्ट्रगान मुझको है आता॥ आग लगी है पंजाब मेरे में, सिंधु और गुजरात …

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वन्दे मातरम्: बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय

वन्दे मातरम् - बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय

वन्दे मातरम् भारत का संविधान सम्मत राष्ट्रगीत है। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा संस्कृत बाँग्ला मिश्रित भाषा में रचित इस गीत का प्रकाशन सन् 1882 में उनके उपन्यास आनन्द मठ में अन्तर्निहित गीत के रूप में हुआ था। इस उपन्यास में यह गीत भवानन्द नाम के सन्यासी द्वारा गाया गया है। इसकी धुन यदुनाथ भट्टाचार्य ने बनायी थी। ∼ बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय हिन्दी-अनुवाद …

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वन्दे मातरम की कहानी: राजीव दीक्षित की जुबानी

वन्दे मातरम की कहानी - भाई राजीव दीक्षित की जुबानी

ये लेख परम सम्मानीय भाई राजीव दीक्षित जी के व्याख्यानों से लिया गया है, उम्मीद है कि आप लोगों को पसंद आएगी। वन्दे मातरम की कहानी ये वन्दे मातरम नाम का जो गान है जिसे हम राष्ट्रगीत के रूप में जानते हैं उसे बंकिम चन्द्र चटर्जी (बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय) ने 7 नवम्बर 1875 को लिखा था। बंकिम चन्द्र चटर्जी बहुत ही …

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परमहंस योगानंद के अनमोल विचार

Paramahansa Yogananda Quotes in Hindi परमहंस योगानंद के अनमोल विचार

Born: 5 January 1893, Gorakhpur Died: 7 March 1952, Millennium Biltmore Hotel, Los Angeles, California, United States Guru: Swami Sri Yukteswar Giri Nationality: American, Indian परमहंस योगानन्द बीसवीं सदी के एक आध्यात्मिक गुरू, योगी और संत थे। उन्होंने अपने अनुयायियों को क्रिया योग उपदेश दिया तथा पूरे विश्व में उसका प्रचार तथा प्रसार किया। योगानंद के अनुसार क्रिया योग ईश्वर …

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