Search Results for: भारत

कनुप्रिया (इतिहास: सेतु – मैं): धर्मवीर भारती

Dharamvir Bharati

कनुप्रिया (इतिहास: सेतु – मैं): धर्मवीर भारती धर्मवीर भारती (२५ दिसंबर, १९२६- ४ सितंबर, १९९७) आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक और सामाजिक विचारक थे। नीचे की घाटी से ऊपर के शिखरों पर जिस को जाना था वह चला गया – हाय मुझी पर पग रख मेरी बाँहों से इतिहास तुम्हें ले गया! सुनो कनु, सुनो क्या मैं सिर्फ एक …

Read More »

फूल मोमबत्तियां सपने: धर्मवीर भारती

फूल मोमबत्तियां सपने: धर्मवीर भारती धर्मवीर भारती (२५ दिसंबर, १९२६- ४ सितंबर, १९९७) आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे। उनका जन्म इलाहाबाद के अतर सुइया मुहल्ले में हुआ। उनके पिता का नाम श्री चिरंजीव लाल वर्मा और माँ का श्रीमती चंदादेवी था। स्कूली शिक्षा डी. ए. वी हाई स्कूल में हुई और उच्च शिक्षा …

Read More »

सावित्री बाई फुले की जीवनी: भारत की पहली शिक्षिका

सावित्री बाई फुले की जीवनी: भारत की पहली शिक्षिका

पूरा नाम: सावित्री बाई फुले जन्म: 3 जनवरी 1831, नायगांव, ब्रिटिश भारत (अब सतारा, महाराष्ट्र) मृत्यु: 10 मार्च 1897 (आयु 66 वर्ष), पुणे, महाराष्ट्र मौत का कारण: बुबोनिक प्लेग माता-पिता: खंडोजी नेवशे पाटिल (पिता); लक्ष्मी (माता) पति: ज्योतिबा फुले – संतान नहीं थी लेकिन यशवंतराव को गोद लिया था जो कि एक ब्राह्मण विधवा से उत्पन्न पुत्र थे जाति: माली …

Read More »

भारतीय वायुसेना ने अनिल कपूर को IAF वर्दी को सम्मान ना देने पर लताड़ा

भारतीय वायुसेना ने अनिल कपूर को IAF वर्दी को सम्मान ना देने पर लताड़ा

अनिल कपूर ने गलत तरीके से पहनी भारतीय वायुसेना की ड्रेस, बकी गालियाँ: IAF ने ‘AK vs AK’ के दृश्य से जताई आपत्ति भारतीय वायुसेना ने कहा कि इस आपत्तिजनक दृश्य को फिल्म से हटाया जाना चाहिए। एविएटर अनिल चोपड़ा ने भी इस दृश्य से आपत्ति जताई और कहा कि भारतीय वायुसेना के एक एयर कमांडर को इस तरह की …

Read More »

गोविन्द बल्लभ पंत: भारतीय स्वतंत्रता सेनानी व राजनेता

गोविन्द बल्लभ पंत

पंडित गोविन्द बल्लभ पंत या जी.बी. पन्त प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी, वरिष्ठ भारतीय राजनेता और उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री थे। इनका मुख्यमंत्री कार्यकाल 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1954 तक रहा। बाद में ये भारत के गृहमंत्री भी (1955 -1961) बने। भारतीय संविधान में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने और जमींदारी प्रथा को खत्म कराने में उनका …

Read More »

भारतीय सेना पर अनमोल विचार विद्यार्थियों के लिए

When Romans met the Sikhs

भारत के Chief of Defence Staff of India (पूर्व थल सेनाध्यक्ष) जनरल बिपिन रावत ने चाहा है कि भारत का हर व्यक्ति भारतीय सेना के बारे में नीचे लिखे वाक्यों को अवश्य पढ़े। आपसे सादर आग्रह है कि कृपया इन अमूल्य ‘राष्ट्र रक्षा सूत्रों’ को विभिन्न माध्यमों से अधिक से अधिक देशवासियों तक पहुँचाने में सहयोग कीजिए। Indian Army यानी …

Read More »

भारत की लोकप्रिय लोक कथाएं: जादुई ढोल – आराधना झा

पश्चिम भारत के एक छोटे-से राज्य में, धर्मराज नामक एक बुद्धिमान और न्यायप्रिय राजा रहता था। उसकी प्रजा के मन में उसके लिए बहुत श्रद्धा और आदर था। राजा धर्मराज बहुत लम्बा, ऊंचा और रूपवान था। उसके सिर के बाल काले और घने थे जिन्हे उसका ख़ास कोई भोलू ही काटता था। भोलू यह काम कई वर्षों से कर रहा …

Read More »

भारत महिमा: जयशंकर प्रसाद – भारतवर्ष का गुणगान

भारत महिमा - जयशंकर प्रसाद

जयशंकर प्रसाद (जन्म: 30 जनवरी, 1889, वाराणसी, उत्तर प्रदेश – मृत्यु: 15 नवम्बर, 1937) हिन्दी नाट्य जगत् और कथा साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। कथा साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे। Here is an excerpt from an old classic poem by Jaishankar Prasad. The beautiful rhythm, …

Read More »

भारतमाता ग्रामवासिनी: सुमित्रानंदन पंत

भारतमाता ग्रामवासिनी - सुमित्रानंदन पंत

Soul of India resides in her villages. Agyeya said so in his poem “Hamara Desh” and in this famous poem Sumitranandan Pant Ji makes the point that the gentle, compassionate, enduring and caring Bharatmata lives in villages. भारतमाता ग्रामवासिनी: सुमित्रानंदन पंत भारत माता ग्रामवासिनी। खेतों में फैला है श्यामल, धूल भरा मैला सा आँचल, गंगा यमुना में आँसू जल, मिट्टी …

Read More »

हमारा अतीत (भारत–भारती से): मैथिली शरण गुप्त

हमारा अतीत (भारत–भारती से): मैथिली शरण गुप्त

Bharat-Bharati is a classic Maha-Kavya (epic) written by Rashtra Kavi Methili Sharan Gupt. It traces the rise and fall of Indian civilization and gives prescription for regaining the heights that the civilization had once achieved in the past. The book has three chapters on the past, present and future of India. There are 703 verses in all. I have presented …

Read More »