ध्यान लगाएं - मन की शांति पाएं

ध्यान लगाएं – मन की शांति पाएं

साध्यान चेतना की विशुद्ध अवस्था है – जहां कोई विचार नहीं होता, कोई विषय नहीं होता। साधारणतया हमारी चेतना विचारों से, विषयों से, कामनाओं से आच्छादित रहती है जैसे कि कोई दर्पण धूल से ढका हो। हमारा मन एक सतत प्रवाह है -विचार चल रहे हैं, कामनाएं चल रही हैं, पुरानी स्मृतियां सरक रही हैं – रात-दिन एक अनवरत सिलसिला है। नींद में भी हमारा मन चलता रहता है, स्वप्न चलते रहते हैं। यह अ-ध्यान की अवस्था है।

ठीक इससे उलटी अवस्था ध्यान की है। जब कोई विचार नहीं चलते और कोई कामनाएं सिर नहीं उठातीं – वह परिपूर्ण मौन ध्यान है। उसी परिपूर्ण मौन में सत्य का साक्षात्कार होता है। जब मन नहीं होता, तब जो होता है वह ध्यान है। इसलिए मन के माध्यम से कभी ध्यान तक नहीं पहुंचा जा सकता। ध्यान इस बात का बोध है कि मैं मन नहीं हूं। जैसे-जैसे हमारा बोध गहरा होता है, कुछ झलकें मिलनी शुरू होती हैं-मौन की, शांति की।

जब सब थम जाता है और मन में कुछ भी चलता नहीं उन मौन, शांत क्षणों में ही हमें स्वयं की सत्ता की अनुभूति होती है। धीरे-धीरे एक दिन आता है, एक बड़े सौभाग्य का दिन आता है जब ध्यान हमारी सहज अवस्था  हो जाती है। मन असहज अवस्था है। यह हमारी सहज-स्वाभाविक अवस्था कभी नहीं बन सकती। ध्यान हमारी सहज अवस्था है, लेकिन हमने उसे खो दिया है। हम उस स्वर्ग से बाहर आ गए हैं, लेकिन यह स्वर्ग पुन: पाया जा सकता है।

किसी बच्चे की आंख में झांकें और वहां आपको अद्भुत मौन दिखेगा, अद्भुत निर्दोषता दिखेगी। हर बच्चा ध्यान के लिए पैदा होता है लेकिन उसे समाज के रंग-ढंग सीखने ही होंगे। उसे विचार करना, तर्क करना, हिसाब-किताब सब सीखना होगा। उसे शब्द, भाषा, व्याकरण सीखना होगा और धीरे-धीरे वह अपनी निर्दोषता, सरलता से दूर हटता जाएगा। उसकी कोरी स्लेट समाज की लिखावट से गंदी होती जाएगी। वह समाज के ढांचे में एक कुशल यंत्र हो जाएगा-एक जीवंत, सहज मनुष्य नहीं।

Check Also

Nitin Gadkari Biography: Early Life, Political Career, Achievements

Nitin Gadkari Biography: Early Life, Political Career, Achievements

Nitin Gadkari is the current Minister for Road Transport & Highway in the Government of …