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दादाजी की गोदी मे खेलते हुए बच्चे ने बड़े प्यार से दादाजी को पूछा “दादाजी दादाजी… मेरा पहला जन्मदिन आपको याद है?”

दादाजी ने अपनी अनुभवी आंखो को सिकुड़ते ओर माथे की पेशनि को तंग करते अपने विचारो के घोड़े दौड़ाये ओर कहा “ना बेटे अब इतनी पुरानी बाते किसे याद होगी? तेरा पहला जन्मदिन जब तु एक साल का हुआ था तब मनाया था! अब 5 से 6 साल पुरानी बाते अब इस उम्र मे किसे याद रहेगी?”

बच्चे ने बड़े प्यार से कहा “दादाजी आपको याद है आप ने मुझे चाबी वाला घोड़ा गिफ्ट मे दिया था?”

दादाजी ने दिमाग पे जोर देते हुए कहा “हाँ”

बच्चे ने आगे कहा “आपको याद है, जब गुब्बारा मेरे केक कटने पर फूटा तब मैं जोर जोर से रोने लगा था?”

दादाजी ने थोड़ा चकित होकर कहा “हाँ हाँ याद आया…”

बच्चे ने आगे कहा “फिर आपने सफेद रुमाल से मेरे आँसूओ को पोछा ओर फिर मेरे सिर की बर्थड़े केप को ठीक किया था।”

दादाजी का सिर चकरा गया की एक साल का था जब उसका जन्मदिन मनाया था! ओर उसे इतना याद है? रुमाल का रंग तक!? ये बच्चा जरूर आगे चलकर खानदान का नाम रोशन करेगा!

बच्चे ने बात को पलटा “दादाजी आप को मीठा बहुत पसंद है?”

दादाजी “हा बेटा, पर डायबिटीज की वजह से मेंने मीठा खाना छोड़ दिया है, तकरीबन 10 साल से मेंने मीठे को हाथ तक नही लगाया!”

बच्चे ने हंस कर कहा “झूठ दादाजी आप ने मेरे जन्मदिन पर गुलाब जामुन खाए थे। एक बार दादी ने भी आपको टोका था!”

दादाजी अपनी खुर्शी पर लगभग उछल पड़े। उन्होंने उसकी परीक्षा के लिए पूछा “मेने कपड़े क्या पहने थे?”

बच्चा “लाल कुर्ता ओर सफेद पयजामा।”

दादाजी ने हैरान होकर आगे पूछा “सिर पर कुछ नही था”?

बच्चे ने कहा “था पघड़ी थी। जो आपने गर्मी लगने की वजह से बाद मे निकाल दि थी।”

दादाजी स्तब्ध हो गए… ओर अपने सामने जेसे कुदरत का कोई करिश्मा खड़ा हो ऐसे उसे देखने लगे। मन ही मन उसकी यादशक्ति की उन्होंने तारीफ की। क्या बच्चा है? जबरदस्त…

तभी बड़ी बेटी ने आकर कहा “भैया चलो जल्दी अंदर आज मम्मी मेरे जन्मदिन का वीडियो लगाने वाली है!”

About Prashant Subhashchandra Salunke

कथाकार / कवी प्रशांत सुभाषचंद्र साळूंके का जन्म गुजरात के वडोदरा शहर में तारीख २९/०९/१९७९ को हुवा. वडोदरा के महाराजा सर सयाजीराव युनिवर्सिटी से स्नातक तक की शिक्षा ग्रहण की. अभी ये वडोदरा के वॉर्ड २२ में भाजपा के अध्यक्ष है, इन्होने सोश्यल मिडिया पे क्रमश कहानी लिखने की एक अनोखी शुरुवात की.. सोश्यल मिडिया पे इनकी क्रमश कहानीयो में सुदामा, कातील हुं में?, कातील हुं में दुबारा?, सुदामा रिटर्न, हवेली, लाचार मां बाप, फिरसे हवेली मे, जन्मदिन, अहेसास, साया, पुण्यशाली, सोच ओर William seabrook के जीवन से प्रेरित कहानी “एक था लेखक” काफी चर्चित रही है. इसके अलवा बहोत सी छोटी छोटी प्रेरणादायी कहानीया भी इन्होने सोश्यलमिडिया पे लिखी है, वडोदरा के कुछ भुले बिसरे जगहो की रूबरू मुलाकात ले कर उसकी रिपोर्ट भी इन्होने सोश्यल मिडिया पे रखी थी, जब ये ६ठी कक्षा में थे तब इनकी कहानी चंपक में प्रकाशित हुई थी, इनकी कहानी “सब पे दया भाव रखो” वडोदरा के एक mk advertisement ने अपनी प्रथम आवृती में प्रकाशित की थी, उसके बाद सुरत के साप्ताहिक वर्तमानपत्र जागृती अभियान में इनकी प्रेरणादायी कहानिया हार्ट्स बिट्स नामक कोलम में प्रकाशित होनी शुरू हुई, वडोदरा के आजाद समाचार में इनकी कहानी हर बुधवार को प्रकाशित होती है, वडोदरा के क्राईम डिविजन मासिक में क्राईम आधारित कहानिया प्रकाशित होती है, 4to40.com पे उनकी अब तक प्रकाशित कहानिया बेटी का भाग्य, सेवा परमो धर्म, आजादी, अफसोस, चमत्कार ऐसे नही होते ओर मेरी लुसी है. लेखन के अलावा ये "आम्ही नाट्य मंच वडोदरा" से भी जुडे है, जिसमें "ते हुं नथी" तथा "नट सम्राट" जेसे नाटको में भी काम किया है, इनका कहेना है "जेसे शिल्पी पत्थर में मूर्ती तलाशता है, वैसे ही एक लेखक अपनी आसपास होने वाली घटनाओ में कहानी तलाशता है", इनका इमेल आईडी है prashbjp22@gmail.com, आप फेसबुक पे भी इनसे जुड सकते है.

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