Dharamvir Bharati Old Classic Hindi Poem प्रार्थना की एक अनदेखी कड़ी

Dharamvir Bharati Old Classic Hindi Poem प्रार्थना की एक अनदेखी कड़ी

प्रार्थना की एक अनदेखी कड़ी
बाँध देती है तुम्हारा मन, हमारा मन,
फिर किसी अनजान आशीर्वाद में डूबन
मिलती मुझे राहत बड़ी।

Dharamvir Bharatiप्रात सद्य:स्नात, कन्धों पर बिखेरे केश
आँसुओं में ज्यों, धुला वैराग्य का सन्देश
चूमती रह-रह, बदन को अर्चना की धूप
यह सरल निष्काम, पूजा-सा तुम्हारा रूप
जी सकूँगा सौ जनम अंधियारियों में, यदि मुझे
मिलती रहे, काले तमस की छाँह में
ज्योति की यह एक अति पावन घड़ी।
प्रार्थना की एक अनदेखी कड़ी…

चरण वे जो, लक्ष्य तक चलने नहीं पाए
वे समर्पण जो न, होठों तक कभी आए
कामनाएँ वे नहीं, जो हो सकीं पूरी
घुटन, अकुलाहट, विवशता, दर्द, मजबूरी
जन्म-जन्मों की अधूरी साधना, पूर्ण होती है
किसी मधु-देवता, की बाँह में
ज़िन्दगी में जो सदा झूठी पड़ी।
प्रार्थना की एक अनदेखी कड़ी…

धर्मवीर भारती

आपको “धर्मवीर भारती” जी की यह कविता “प्रार्थना की एक अनदेखी कड़ी” कैसी लगी – आप से अनुरोध है की अपने विचार comments के जरिये प्रस्तुत करें। अगर आप को यह कविता अच्छी लगी है तो Share या Like अवश्य करें।

यदि आपके पास Hindi / English में कोई poem, article, story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें। हमारी Id है: submission@sh035.global.temp.domains. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ publish करेंगे। धन्यवाद!

Check Also

Kalki 2898 AD: 2024 Indian epic science-fiction dystopian film

Kalki 2898 AD: 2024 Indian epic science-fiction dystopian film

Kalki 2898 AD : Movie Name Directed by: Nag Ashwin Starring: Prabhas, Amitabh Bachchan, Kamal …