हद हो गई शैतानी की - नटखट बच्चों की बाल-कविता

हद हो गई शैतानी की – नटखट बच्चों की बाल-कविता

टिंकू ने मनमानी की,
हद हो गई शैतानी की।

सोफे का तकिया फेका,
पलटा दिया नया स्टूल।
मारा गोल पढाई से,
आज नहीं पहुंचे स्कूल।
फोड़ी बोतल पानी की।
हद हो गई शैतानी की।

हुई लड़ाई टिन्नी से,
उसकी नई पुस्तक फाड़ी।
माचिस लेकर घिस डाली,
उसकी एक- एक काड़ी।
माला तोड़ी नानी की।
हद हो गई शैतानी की।

ज्यादा ऊधम ठीक नहीं,
माँ ने यह बतलाया था।
एक कहानी के द्वारा,
पाठ उसे समझाया था।
धज्जी उडी कहानी की।
हद हो गई शैतानी की।

बाल पड़ गई खिड़की में,
शीशा चकना चूर हुआ।
पिटे पड़ौसी से टिंकू,
मस्ती का ज्वर दूर हुआ।
अक्ल ठिकाने आनी थी।
हद हो गई शैतानी की।

~ प्रभुदयाल श्रीवास्तव

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