Mary Kom Quotes In Hindi मैरी कॉम उद्धरण

Mary Kom Quotes In Hindi मैरी कॉम उद्धरण

Mary Kom Quotes In Hindi मैरी कॉम उद्धरण: मंगटे चुंगनेइजंग मैरी कॉम जो ज्यादातर एम्. सी. मैरी कॉम और साधारणतः मैरी कॉम के नाम से जानी जाती है। वे भारत की सर्वश्रेष्ठ बॉक्सर है। मैरी कॉम का जन्म पश्चिमी भारत के मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के काङथेइ ग्राम में हुआ। उनके माता-पिता मंगटे टोनपा कोम, झूम क्षेत्र में कार्यरत थे। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा लोकटक क्रिस्चियन मॉडल हाई स्कूल, मोइरंग में ग्रहण की और उच्च माध्यमिक शिक्षा सेंट सवीआर कैथोलिक स्कूल, मोइरंग से ग्रहण की। बाद मे मैरी कॉम NIOS से ही अपनी परीक्षा देने लगी। जहा चुराचांदपुर कॉलेज से वह ग्रेजुएट हुई। बचपन से ही मैरी कॉम को एथलेटिक्स में दिलचस्पी थी और सन् 2000 में डिंगको सिंह ने उन्हें बॉक्सर बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपना प्रशिक्षण एम. नरजित से लेना शुरू किया, जो मणिपुर राज्य के बॉक्सिंग कोच थे।

मैरी कॉम पाँच बार विश्व बॉक्सिंग चैंपियन रह चुकी है और 6 विश्व चैंपियनशिप में हर एक में मैडल जितने वाली पहली महिला बॉक्सर है। वे “शानदार मैरी” के नाम से भी जाने जाते है। वे अकेली ऐसी भारतीय महिला बॉक्सर है जिन्हें समर 2012 के ओलिंपिक में चुनाव किया गया था। उन्होंने 51 kg की केटेगरी के अंदर अपने प्रतिस्पर्धी को हराकर ब्रोंज मैडल जीता। AIBA की विश्व महीला पहलवान की रैंकिंग में मैरी कॉम चौथे स्थान पर है। 2014 में इंचेओं, साउथ कोरिया के एशियाई खेलो में गोल्ड मैडल जितने वाली वे पहली भारतीय महिला बॉक्सर रही।

Born: March 1, 1983, Churachandpur District
Height: 1.58 m
Full name: Mangte Chungneijang Mary Kom
Spouse: K Onler Kom (m. 2005)
Awards: Padma Bhushan, Padma Shri, Arjuna Award for Boxing, more
Olympic Medal: Boxing at the 2012 Summer Olympics – Women’s flyweight

  • एक खिलाड़ी के जीवन में, दबाव हमेशा बना रहता है; आपको इससे निपटना सीखना होता है।
  • मैं अपने बच्चों को मिस करती हूँ, और वे मुझे मिस करते हैं। ये बहुत मुश्किल है, लेकिन मुझे अपने देश के लिए ये करना है और 2012 लंदन ओलम्पिक में जाने का सपना पूरा करना है।
  • मुक्केबाजी के बिना, मैं नहीं रह सकती। मुझे मुक्केबाजी से प्यार है।
  • मेरे पास कोई सहारा नहीं था, कोई मौका नहीं था, मेरे करियर के ज्यादातर समय में मेरे पास कोई प्रायोजक नहीं था।
  • मैंने बॉक्सिंग बस मेरी रूचि की वजह से खेलना शुरू किया और अपने माता-पिता की आर्थिक मदद करने के लिए।
  • मैंने एथेलेटिक्स की शुरुआत 1999 से की, डिस्कस और शॉट पुट फेंकने के साथ। मैंने अपने परिवार को नहीं बताया कि मैंने बॉक्सिंग कब शुरू की।
  • लोग कहा करते थे कि बॉक्सिंग पुरुषों के लिए है महिलाओं के लिए नहीं और मैं सोचा करती थी कि एक दिन मैं उन्हें दिखाउंगी। मैंने खुद से वादा किया और खुद को साबित किया।
  • अगर मैं दो बच्चों की माँ होकर एक मेडल जीत सकती हूँ, तो आप सब भी ऐसा कर सकते हैं। मुझे एक उदाहरण के तौर पर लें और कभी हार ना मानें।
  • मैं केवल अपनी तकनीक या ताकत पर ही नहीं करती बल्कि अपने मन पर भी भरोसा करती हूँ।
  • मुख्यतः मेरा ध्यान अधिक से अधिक महिला मुक्केबाजों को प्रशिक्षण देना और उनसे उत्कृष्ट प्रदर्शन कराना है।
  • मैं उम्मीद करती हूँ कि हमारे लोगों द्वारा देश के लिए मेडल जीते जाने से नस्लीय भेदभाव कम होगा।
  • हार मत मानो, हमेशा अगला मौका ज़रूर आता है।
  • एक सफल बॉक्सर होने के लिए एक मजबूत दिल का होना ज़रूरी है। कुछ महिलाएं शारीरिक रूप से मजबूत होती हैं पर जब मजबूत दिल होने की बात आती है तो वे फेल हो जाती हैं।
  • हम पुरुषों से अधिक मेहनत करते हैं और देश को गौरवान्वित करने के लिए पूरी ताकत के साथ लड़ने के लिए दृढ हैं।
  • जो तुम बोते हो वो तुम काटोगे जो मैं बोती हूँ वो मैं काटूंगी।
  • मुक्केबाजी आसान नहीं है। जब मैंने शुरू किया, मेरे पुरुष मित्र कहते, ये महिलाओं का खेल नहीं है। पर मैं कहती अगर पुरुष कर सकते हैं तो महिलाएं क्यों नहीं।

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