जयपुर के हवा महल का वास्तु शास्त्र

जयपुर के हवा महल का वास्तु शास्त्र

जयपुर आने वाले हर सैलानी का हवा महल देखना मुख्य आकर्षण होता है। प्रसिद्ध हवामहल पिंक सिटी के अन्दर ही बना हुआ है। पिंक सिटी अर्थात् पुराना जयपुर वर्तमान जयपुर के ईशान कोण वाले भाग में स्थित है। गुलाबी बलुआ पत्थरों से निर्मित पांच तलों वाला यह महल देखने में काफी कुछ पिरामिड जैसा लगता है, जिसमें क्रास वेटिंलेशन के लिए 953 झरोखे एवं 152 खिड़कियां बनी हुई हैं। इसका निर्माण महाराज सवाई प्रतापसिंह ने 1799 में राजघराने की महिलाओं के लिए राजपथ, विजय परेड, जुलूस आदि देखने के लिए करवाया गया था। हवामहल की इस प्रसिद्धि में इसकी वास्तुनुकूल सुन्दर बनावट के साथ-साथ उसकी भौगोलिक स्थिति की भी अहम् भूमिका है।

हवामहल में बाहर देखने के लिए जहां खिड़कियां बनी हुई हैं, वह पूर्व दिशा है। हवामहल के सामने पूर्व दिशा वाले भाग में दो फीट ऊंचा और लगभग छः फीट चौड़ा और हवामहल के समान्तर लम्बा प्लेटफार्म है। जिस पर लोहे की रैलिंग लगी है। इस रैलिंग के बाद पुनः लगभग सौलह फीट चैड़ा एक प्लेटफार्म है जो कि ऊपर के प्लेटफार्म से दो फीट नीचा और इसके सामने वाली सड़क से लगभग एक से डेढ फीट ऊंचा है। इस प्रकार हवामहल के सामने पूर्व का भाग नीचा है।

वास्तु सिद्धान्त के अनुसार पूर्व दिशा एवं पूर्व ईशान कोण का ढलान शौर्य, शक्ति, मान, मर्यादा, अधिकार और आनन्द का अनुभव कराता है।

हवामहल के सामने पूर्व दिशा में जहां त्रिपोलिया बाजार की सड़क है। इस सड़क के दक्षिण दिशा स्थित चैराहे का नाम बड़ी चैपाटी है और यह सड़क दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा की ओर काफी ढलान लिए हुए है। उत्तर दिशा में चांदी की टकसाल है जहां से यह सड़क पूर्व दिशा की ओर मुड़कर सुभाष चैक की तरफ चली गई है। यहां सड़क पश्चिम दिशा से पूर्व दिशा की ओर ढलान पर है। पूर्व दिशा में हवामहल के दोनों ओर दुकानें बनी हैं और यह दुकानें भी दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा की ओर ढलान लिए हुए है। इससे दक्षिण दिशा की दुकानें ऊंचाई पर है और उत्तर दिशा की दुकानें क्रमशः नीची है।

इसी प्रकार हवामहल के पश्चिम दिशा वाले भाग में जहां राजस्थान पुलिस मुख्यालय है वहां की सड़क में भी दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा की ओर ढलान है। हवामहल परिसर में जाने का रास्ता हवामहल के पिछले भाग से है। जहां दक्षिण दिशा से अन्दर जाया जाता है। यहां पर लकड़ी का बहुत बड़ा दरवाजा लगा है जो वास्तुनुकूल है। हवामहल के अन्दर जाने का रास्ता पश्चिममुखी होकर वास्तुनुकूल स्थान पर है।

हवामहल की बनावट संतुलित और सिमेट्रीकल है। इसके अन्दर दो खुले बरामदे हैं, जिसमें एक का नाम चंद्रपोली और दूसरे का आनन्दपोली है। आनन्दपोली बरामदे के मध्य में एक लगभग छः फीट गहरा, आठ फीट लम्बा एवं चैड़ा फव्वारा है जो कि हवामहल का भी मध्य का भाग है। वास्तु सिद्धान्त के अनुसार निश्चित ही इस फव्वारे के लिए बने गड्ढे के कारण यहां आने वाली राजघराने की महिलाओं की सुख-सुविधाओं पर काफी धन व्यय किया जाता रहा होगा। हवामहल के आनन्दपोली के दक्षिण में स्थित कमरे कुछ ऊंचे हैं। इस कारण आनन्दपोली के बरामदे के पूर्व आग्नेय और पश्चिम नैऋत्य की गैलरी के दोनों ओर से दक्षिण स्थित कमरों की छत पर जाने के लिए लगभग चार फीट की रैंप बनी है। हवामहल की दक्षिण दिशा में बनी एक बहुत बड़ी दीवार लगभग 30 फीट ऊंची है, जबकि उत्तर दिशा में इस प्रकार की कोई दीवार नहीं है।

इस प्रकार हवामहल का भवन दक्षिण दिशा में ऊंचा और उत्तर दिशा में नीचा है और इसके आगे व पीछे की सड़क वाला भाग भी दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा में ढलान लेते हुए बहुत नीचा है। इस प्रकार वास्तु सिद्धान्त के अनुसार उत्तर दिशा में ढलान वहां बने भवन को प्रसिद्धि एवं वैभव दिलाता है।

पिंक सिटी के अन्दर बना हवामहल वास्तुनुकूल होने के कारण ही सैलानियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है और हमेशा रहेगा।

Check Also

National Creators Award: Categories, Winners and Recognition

National Creators Award: Categories, Winners and Recognition

National Creators Award (NCA): Creators Awards 2024 took place on 08th March 2024, Prime minister …