रैडफ़ोर्ट पर फ़्लैग होस्टिंग: एक हास्य व्यंग

रैडफ़ोर्ट पर फ़्लैग होस्टिंग: एक हास्य व्यंग

15 अगस्त मार्निंग 8 बजे हमारी कन्ट्री के पी.एम. साहब रैडफ़ोर्ट पर आएंगे। फ्लैग होस्टिंग भी होगा और कन्ट्री की कंडीशन पर पी.एम. साहब अपनी स्पीच भी देंगे।

वैसे पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी हैजा फैलने के कारण दिल्ली में सफाई अभियान चल रहा है और किस निकम्मे अधिकारी ने दिल्ली में हैजा फ़ैलाने में विदेशी हाथ को मदद दी है, इसकी जांच भी जारी है। हैजा दिल्ली की यमुनापार बस्तियों वाले फ़ैलाने में सहायक होते हैं, हो सकता है कि विदेशी हाथ यमुनापार में सक्रिय हो, इसके लिए एक आयोग का गठन किया जा चूका है।

15 अगस्त के सवेरे ठीक पौने आठ बजने जा रहे हैं। आसमान साफ है, लेकिन नीले आसमान पर बादल के टुकड़े विपक्षी दलों की तरह सूरज को ढकने का पूरा प्रयत्न क्र रहे हैं। देखना है कि हमारी इंडिया के पी.एम. साहब रैडफ़ोर्ट पर जनता के नाम क्या मैसेज कन्वे करते हैं।

8 बजे हैं, करों में लम्बा काफिला रैडफ़ोर्ट पर पहुंच गया है और दिल्ली के उपराज्यपाल पी.एम. को रिसीव कर रहे हैं। यह रैडफ़ोर्ट का आंखों देखा हाल बताया जा रहा है। सेना के जवानों ने पी.एम. साहब को ‘गार्ड-आफ आनर’ दिया और अब पी.एम. साहब ने सलामी मंच पर, झंडे की डोर पकड़ी, खींची और ‘थ्री कलर फ्लैग’ पोल पर लगा लहर गया। जन-गण-मन की ध्वनि के साथ लोगों ने तालियां बजानी शुरू कर दीं।

और अब शुरू होता है हमारे प्रिय प्रधानमंत्री जी का भाषण। भाषा जैसी सीधी-साधी, प्रस्तुतिकरण में नवीनता, भावपक्ष प्रबल कहने का ढंग वही पुराना है, लोगों को बीच-बीच में तालियां बजाने के लिए मंच के ऊपर खड़े चमचे संकेत देंगे। अब पी.एम. साहब माईक के ठीक सामने खड़े हैं।

हमने देखा है ‘हमारी इंडिया’ के सभी गांवों को खुशहाल किया है। रोजगार योजना का हमारा प्लान है, सभी हमारे गांव वासी अमीर बनें, खूब पैसा गांव में भेजा गया है। हमने मिडिल मैन को खत्म करने का फैसला किया है। मिडिल मैन नहीं होगा तो कोई दलाली की बात हमारे सामने नहीं आएगी।

हम देख रहे हैं, कन्ट्री में ‘पंचायत राज’ बनाएंगे। सारा कन्ट्री का काम हमारी पंचायत प्रणाली से चालू होगा। हम अपनी इंडिया को पीसफुल बनाने की योजना बना रहे हैं। हमने अपने पड़ौसी देशों से शांति समझौते किया है मगर बोफोर्ड की तोपें भारत में जरूर सजेंगी।

पार्लियामैंट में हमारे खिलाफ रिजाइन देने की बात विपक्षी ने कही। हमने तो रिजाइन दिया नहीं है अगर टोटल आपोजिशन पार्लियामैंट से खुद रिजाइन देकर चली जाए, जो हमें अच्छा नहीं लगेगा। हम आपोजिशन को भी महत्त्व देते हैं। रेडियो और टी.वी. पर हमने अपने हर भाषण में विपक्षी का नाम लिया है। फिर विपक्ष कहता है कि रेडियो और टी.वी. हमारा गुण गाते हैं, यह ठीक हो सकता है, मगर हम विपक्ष का गुण गातें हैं, अब फैसला आप लोग खुद कर सकते हैं। पिछले महीने 72 औरतों को दहेज के कारण मारा और जलाया गया, जो एक रिकार्ड है। हमने सोचा है कि दहेज के लिए औरतें न मरें इसके लिए उचित दर की दुकानों से ‘दूल्हे’ देने की योजना बनाई जा रही है। राशन कार्ड पर उन्हें कैरोसिन नहीं मिलेगा जिस पर ‘बहू’ का नाम दर्ज होगा। अधिक दहेज लेन वाली बहू पर आयोग बिठा कर जांच का कार्य किया जाएगा। बलात्कार और लूट की घटनाओं से हमारी कन्ट्री की इमेज बनी है, इससे पता चलता है कि देश का युवा कितना बलशाली है।

इस साल हमारी कन्ट्री में आम की फसल कम हुई है, अचार का आम 7 से 10 रूपये किलो बिका है, हम इसके बारे में लोकसभा में सवाल उठायेंगे। जब विपक्ष एक होने की कोशिश करता है, तभी बिना बरसात के देश में बाढ़ आती है, हमें इसको भी देखना है। पान-मसालों की बिक्री का रिकार्ड बना है।

टुंडे और लम्बू का ‘च्यवनप्राश’ लोग चाव से खाते है। जिससे लोगों की सेहत में सुधार हुआ है। देश के पर्यावरण को सुधारने के लिए खरगोश छाप अगरबत्ती की एक और फैक्टरी देश में लगाई जा रही है। टूथ पेस्टों का प्रोडक्शन काफी असरदार है। हमारा विज्ञान ऊंचा उठा है, हम विज्ञान को अमेरिका से भी आगे ले जायेंगें।

नहाने और कपड़े धोने के साबुन भी आशाजनक टैक्स गवर्नमैंट को दे रहे हैं। हमें देखना है कि हर गरीब, गरीबी में जिए, खाए-पिए मौज ले। आज हम भी संसद में मौज करेंगे, अपोजिशन के रिजाइन देने से हम अब देख सकेंगे कि देश को कैसे ठीक-ठाक रखा जाए। अगले वर्ष फिर इसी फोर्ट पर आना है, फ्लैग होस्टिंग होना है। हमने देश को कम्प्यूटर से काम करने की आदत दाल दी है।

अगर देशवासी हमारा सारा साथ दें तो हम वर्ष में चार बार इसी जगह आएं और कन्ट्री के लिए कुछ मैसेज दें। हमारे इंडिया में समस्या अभी कुछ दिन और चलेगी। हम देख रहे हैं कि हमारे देश की जनता मार-काट को सहने का आदि हो गई है। हमने देखा है दिल्ली में भी कई जगह बम फटे हैं, हमने पुलिस को बुला लिया है। हम देखते है हमारी दिल्ली में पुलिस थाना में बम फटा। हम रैडफोर्ट से सीधी पी.एम. हाउस जाकर फिर विश्व शांति के लिए विदेश जाएंगे। जय इंडिया, जय अंग्रेजी भाषा, थैंक्यू।

लाल किले पर प्रधानमंत्री आए और देश के नाम संदेश देकर चले गए आईए हम अपने घरों में वापिस चलते हैं, चाय की गर्म चुस्कियों और अख़बार की सुर्खियों में खोजते हैं अपने भारत देश का भविष्य और अपना वर्तमान। जो हमें आने वाले कल में जीने की प्रेरणा देगा ताकि हम फिर से दोबारा इसी रैडफोर्ट पर पी.एम. साहब की स्पीच सुनने के लिए आने का मन बना सकें। जय भारत।

~ मनोहर लाल रत्नम

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