Anna Hazare Quotes in Hindi अन्ना हजारे के अनमोल विचार

Anna Hazare Quotes in Hindi अन्ना हजारे के अनमोल विचार

किसन बापट बाबूराव हजारे / अण्णा हजारे (जन्म: १५ जून १९३७ रालेगन सिद्धि गांव, अहमदनगर, महाराष्ट्र) एक भारतीय समाजसेवी हैं। अधिकांश लोग उन्हें अन्ना हजारे के नाम से जानते हैं। सन् १९९२ में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। सूचना के अधिकार के लिये कार्य करने वालों में वे प्रमुख थे। जन लोकपाल विधेयक को पारित कराने के लिये अन्ना ने १६ अगस्त २०११ से आमरण अनशन आरम्भ किया था।

  • स्वतंत्रता के लिए लाखों लोगों ने अपना जीवन बलिदान कर दिया लेकिन कुछ स्वार्थी लोगों के कारण हमें सही स्वतंत्रता नहीं मिली।
  • मैं इस देश के युवाओं से कहना चाहता हूँ कि यह लड़ाई लोकपाल के साथ ख़तम नही होनी चाहिए। हमें मौजूदा चुनावी सुधारों में मौजूद खामियों को दूर करने के लिए लड़ना है। क्योंकि चुनाव प्रणाली में दोष के कारण 150 अपराधी संसद तक पहुच चुके हैं।
  • कल मेरा रक्त चाप कम था, लेकिन आज यह फिर से नियंत्रण में है क्योंकि देश की ताकत मेरे पीछे है।
  • इस सरकार में एक प्रभावी लोकपाल लाने की इच्छा नहीं है।
  • लोकपाल के बाद, हमें किसानो के अधिकार के लिए लड़ना होगा, एक ऐसा क़ानून लाना होगा जो सुनिश्चित करे कि भूमि अधिग्रहण से पहले ग्राम सभाओं की अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
  • वही लूट, वही भ्रष्टाचार, वही उपद्रवता अभी भी मौजूद है।
  • मैं इस देश के लोगों से अनुरोध करता हूँ कि इस क्रांति को जारी रखें। मैं ना हूँ तो भी लोगों को संघर्ष जारी रखना चाहिए।
  • मेरा वज़न साढ़े पांच किलो कम हुआ है, कुछ ज्यादा नही, मैं ठीक हूँ।
  • मैं चिंतित हूँ कि कुछ असंवेदनशील लोगों द्वारा शाशित इस देश का क्या होगा। लेकिन हम उन्हें जनशक्ति द्वारा बदल सकते हैं।
  • सरकार का पैसा लोगो का पैसा है। लोगों के भले के लिए प्रभावी नीतियां बनाएं।
  • हम सरकार के साथ काम करने को तैयार हैं लेकिन उनकी तरफ से कोई संवाद नहीं है। हम बात करने कहाँ जाएं और हम किससे बात करें?
  • क्या यह लोकतंत्र है? सभी एक साथ पैसा बनाने आये हैं। मैं खुद को सौभाग्यशाली समझूंगा अगर मैं अपने समाज, अपने देशवाशियों के लिए मरता हूँ।
  • मेरी मांगें बदलेंगी नहीं। आप मेरा सर काट सकते हैं लेकिन मुझे सर झुकाने के लिए मजबूर नहीं कर सकते।
  • जो अपने लिए जीते हैं वो मर जाते हैं, जो समाज के लिए मरते हैं वो जिंदा रहते हैं।
  • देश को वास्तविक स्वतंत्रता आज़ादी के 64 साल बाद भी नहीं मिली और केवल एक बदलाव आया गोरों की जगह काले आ गए।

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