Hindi Poem about Trees वही सफलता पाता है

Hindi Poem about Trees वही सफलता पाता है

पीपल मेरे पूज्य पिताजी,
तुलसी मेरी माता है।
बरगद को दादा कहने से,
मन पुलकित हो जाता है।

बगिया में जो आम लगा है,
उससे पुश्तैनी नाता है।
कहो बुआ खट्टी इमली को,
मजा तब बहुत आता है।

घर में लगा बबूल पुराना,
वह रिश्ते का चाचा है।
“मैं हूँ बेटे मामा तेरा,”
यह कटहल चिल्लाता है।

आंगन में अमरूद लगा है,
मंद मंद मुस्कराता है।
उसे बड़ा भाई कह दो तो,
ढेरों फल टपकाता है।

यह खजूर कितना ऊंचा है,
नहीं काम कुछ आता है।
पर उसको मौसा कह दो ,
मीठे खजूर खिलवाता है।

अब देखो यह गोल मुसंबी,
इसका पेड़ लजाता है।
पर इसका मीठा खट्टा फल,
दादी सा मुस्काता है।

जिन लोगों का इन पेड़ों से,
घर रिश्ता हो जाता है।
पेड़ बचाने की मुहीम में,
वही सफलता पाता है।

प्रभुदयाल श्रीवास्तव

आपको प्रभुदयाल श्रीवास्तव जी की यह कविता “वही सफलता पाता है”  कैसी लगी – आप से अनुरोध है की अपने विचार comments के जरिये प्रस्तुत करें। अगर आप को यह कविता अच्छी लगी है तो Share या Like अवश्य करें।

यदि आपके पास Hindi / English में कोई poem, article, story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें। हमारी Id है: submission@sh035.global.temp.domains. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ publish करेंगे। धन्यवाद!

Check Also

BINU DANCE OF BAHAG BIHU

Bohag Bihu Festival Information: Assam Festival Rongali Bihu

Bohag Bihu Festival Information: The Rongali Bihu is the most important among all the three …