उफ़ यह प्यास - ओम प्रकाश बजाज

उफ़ यह प्यास – ओम प्रकाश बजाज

भीषड़ गर्मी के इस मौसम में
बार – बार लगती है प्यास,
चाहे कितना पी लें पानी
नहीं बुझती है प्यास,
गला सूख-सूख जाता है
जितना भी तर करते हैं,
लस्सी – शर्बत – आम का पन्ना
चाहे जितना पीते हैं,
जलजीरा और सत्तू का भी
बहुत लोग सेवन करते हैं,
कुल्फी – आइसक्रीम – बर्फ का गोला
बच्चे अधिक पसंद करते हैं,
गन्ने का रस – तरबूज – खीरा – ककड़ी
ठंडक पहुंचाते संतुष्टि देते हैं,
गर्मी – लू – तपन से बचाव का
हर तरह उपाय करना,
पानी पी कर ही बाहर निकलना
सिर मुहं भली – भांति ढंकना

∼ ओम प्रकाश बजाज

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