कौन यहाँ आया था - दुष्यंत कुमार

कौन यहाँ आया था – दुष्यंत कुमार

कौन यहाँ आया था
कौन दिया बाल गया
सूनी घर-देहरी में
ज्योति-सी उजाल गया।

पूजा की बेदी पर
गंगाजल भरा कलश
रक्खा था, पर झुक कर
कोई कौतुहलवश
बच्चों की तरह हाथ
डाल कर खंगाल गया।

आँखों में तिरा आया
सारा आकाश सहज
नए रंग रँगा थका-
हारा आकाश सहज
पूरा अस्तित्व एक
गेंद-सा उछाल गया।

अधरों में राग, आग
अनमनी दिशाओं में
पार्श्व में, प्रसंगों में
व्यक्ति में, विधाओं में
साँस में, शिराओं में
पारा-सा ढाल गया।

∼ दुष्यंत कुमार

About Dushyant Kumar

दुष्यंत कुमार त्यागी (1 सितम्बर 1933 – 30 दिसंबर 1975) एक हिंदी कवि और ग़ज़लकार थे। आपके नाम पर ‘दुष्यंत कुमार सम्मान पुरस्कार’ प्रारंभ किया गया है। उत्तर प्रदेश के जनपद बिजनौर के रहने वाले थे। दुष्यन्त कुमार का जन्म बिजनौर जनपद उत्तर प्रदेश के ग्राम राजपुर नवादा में 01 सितम्बर 1933 को और निधन भोपाल में 30 दिसम्बर 1975 को हुआ था। इलाहबाद विश्व विद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत कुछ दिन आकाशवाणी भोपाल में असिस्टेंट प्रोड्यूसर रहे बाद में प्रोड्यूसर पद पर ज्वाइन करना था लेकिन तभी हिन्दी साहित्याकाश का यह सूर्य अस्त हो गया। इलाहबाद में कमलेश्वर, मार्कण्डेय और दुष्यन्त की दोस्ती बहुत लोकप्रिय थी वास्तविक जीवन में दुष्यन्त बहुत, सहज और मनमौजी व्यक्ति थे। कथाकार कमलेश्वर बाद में दुष्यन्त के समधी भी हुए। दुष्यन्त का पूरा नाम दुष्यन्त कुमार त्यागी था। प्रारम्भ में दुष्यन्त कुमार परदेशी के नाम से लेखन करते थे। जिस समय दुष्यंत कुमार ने साहित्य की दुनिया में अपने कदम रखे उस समय भोपाल के दो प्रगतिशील (तरक्कीपसंद) शायरों ताज भोपाली तथा क़ैफ़ भोपाली का ग़ज़लों की दुनिया पर राज था। हिन्दी में भी उस समय अज्ञेय तथा गजानन माधव मुक्तिबोध की कठिन कविताओं का बोलबाला था। उस समय आम आदमी के लिए नागार्जुन तथा धूमिल जैसे कुछ कवि ही बच गए थे। इस समय सिर्फ़ ४२ वर्ष के जीवन में दुष्यंत कुमार ने अपार ख्याति अर्जित की। कृतियाँ: सूर्य का स्वागत, आवाज़ों के घेरे, जलते हुए वन का वसन्त (सभी कविता संग्रह)। साये में धूप (ग़ज़ल संग्रह)। एक कण्ठ विषपायी (काव्य-नाटिका) आदि दुष्यन्त की प्रमुख कृतियाँ हैं।

Check Also

World Veterinary Day: History, Celebration, Theme, FAQs

World Veterinary Day: History, Celebration, Theme, FAQs

The World Veterinary Day is commemmorated to honour the veterinary profession every year on the …