कौन सिखाता है चिड़ियों को - सोहनलाल द्विवेदी

कौन सिखाता है चिड़ियों को: सोहनलाल द्विवेदी

Here is a popular poem of Sohanlal Dwivedi Ji. Who teaches birds… Many would have read it in school days.

कौन सिखाता है चिड़ियों को: सोहनलाल द्विवेदी

कौन सिखाता है चिडियों को
चीं–चीं चीं–चीं करना?
कौन सिखाता फुदक–फुदक कर
उनको चलना फिरना?

कौन सिखाता फुर से उड़ना
दाने चुग-चुग खाना?
कौन सिखाता तिनके ला–ला
कर घोंसले बनाना?

कौन सिखाता है बच्चों का
लालन-पालन उनको?
माँ का प्यार, दुलार, चौकसी
कौन सिखाता उनको?

कुदरत का यह खेल,
वही हम सबको, सब कुछ देती।
किन्तु नहीं बदले में हमसे
वह कुछ भी है लेती।

हम सब उसके अंश
कि जैसे तरू–पशु–पक्षी सारे।
हम सब उसके वंशज
जैसे सूरज–चांद–सितारे।

सोहनलाल द्विवेदी

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सोहन लाल द्विवेदी (22 फरवरी 1906 – 1 मार्च 1988) हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे। ऊर्जा और चेतना से भरपूर रचनाओं के इस रचयिता को राष्ट्रकवि की उपाधि से अलंकृत किया गया। महात्मा गांधी के दर्शन से प्रभावित, द्विवेदी जी ने बालोपयोगी रचनाएँ भी लिखीं। 1969 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री उपाधि प्रदान कर सम्मानित किया था।

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One comment

  1. Priyanka Sinha

    Ye kavita to dvarika Prasad maheshvari ne last khi hai