जंगल की होली - पवन चन्दन

जंगल की होली: पवन चन्दन की होली पर बाल कविता

होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।

होली रंगों का तथा हँसी-खुशी का त्योहार है। यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है, जो आज विश्वभर में मनाया जाने लगा है। रंगों का त्यौहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है। यह प्रमुखता से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है। यह त्यौहार कई अन्य देशों जिनमें अल्पसंख्यक हिन्दू लोग रहते हैं वहाँ भी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। पहले दिन को होलिका जलायी जाती है, जिसे होलिका दहन भी कहते हैं। दूसरे दिन, जिसे प्रमुखतः धुलेंडी व धुरड्डी, धुरखेल या धूलिवंदन इसके अन्य नाम हैं, लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं। एक दूसरे को रंगने और गाने-बजाने का दौर दोपहर तक चलता है। इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं, गले मिलते हैं और मिठाइयाँ खिलाते हैं।

जंगल की होली: पवन चन्दन

लगा महीना फागुन का होली के दिन आए,
इसीलिए वन के राजा ने सभी जीव बुलवाए।

भालू आया बड़े ठाठ से शेर रह गया दंग,
दुनिया भर के रंग उड़ेले चढ़ा न कोई रंग।

हाथी जी की मोटी लंबी पूँछ बनी पिचकारी,
खरगोश ने घिघियाकर मारी तब किलकारी।

उसका बदला लेने आया वानर हुआ बेहाल,
लगा-लगाकर थका बेचारा चौदह किलो गुलाल।

मौका ताड़े खड़ी लोमड़ी रंगू गधे को आज,
लगा दुलत्ती नो दो ग्यारह हो गए गर्दभराज।

घायल हुई लोमड़ी उसको अस्पताल पहुँचाया,
गर्दभ को जंगल के जज ने दंडित कर समझाया।

होली है त्योहार प्रेम का मौका है अनमोल,
भूलो देश खूब रंग खेलो गले मिलो दिल खोल।

यहाँ राज है जंगल का सबको न्याय मिलेगा,
वरना जग में हमें आदमी फिर बदनाम करेगा।

पवन चन्दन

आपको पवन चन्दन जी की यह कविता “जंगल की होली” कैसी लगी – आप से अनुरोध है की अपने विचार comments के जरिये प्रस्तुत करें। अगर आप को यह कविता अच्छी लगी है तो Share या Like अवश्य करें।

Check Also

Ram Navami Poems: Kosalendraya Mahaniya Guna Badhaye

Ram Navami Poems: Kosalendraya Mahaniya Guna Badhaye

Ram Navami Poems: Rama Navami is one of the most popular festivals in India. It …