Hindi Poem about coming home - जब मैं घर जाती हूँ

Hindi Poem about coming home – जब मैं घर जाती हूँ

आजकल जब मैं घर जाती हूँ,
एक वासंती पवन मेरी जानिब चली आती है।

घेर लेती है मुझे अपने आगोश में,
जिन्दगी हर ओर मुस्कुराती है।

मैं महकने लगती हूँ, इक खनकती
घण्टियों सी हँसी घर को मंदिर बना देती है।

वो चमकीली आँखों वाली मेरी लाडली
मेरे जीवन की अखंड बाती है।

~ उषा रावत

आपको उषा रावत जी की यह कविता “जब मैं घर जाती हूँ” कैसी लगी – आप से अनुरोध है की अपने विचार comments के जरिये प्रस्तुत करें। अगर आप को यह कविता अच्छी लगी है तो Share या Like अवश्य करें।

यदि आपके पास Hindi / English में कोई poem, article, story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें। हमारी Id है: submission@sh035.global.temp.domains. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ publish करेंगे। धन्यवाद!

Check Also

Nitin Gadkari Biography: Early Life, Political Career, Achievements

Nitin Gadkari Biography: Early Life, Political Career, Achievements

Nitin Gadkari is the current Minister for Road Transport & Highway in the Government of …