Happy New Year Funny Hindi Poem हैप्पी न्यू इयर

हैप्पी न्यू इयर: सरदार टूक टूक

हैप्पी न्यू इयर: सरदार टूक टूक – नव वर्ष का यह उत्सव पूरी दुनिया में बड़ी ही धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। सभी लोगों का मानना है कि नया साल हमेशा नई उम्मीदें और खुशियां लेकर आता है।

इसलिए सभी लोग नए साल के अवसर पर खुशी से इसका स्वागत करते है। सभी लोग 31 दिसंबर की रात से ही इस के स्वागत में जुट जाते है। इस दिन सभी लोग बीते हुए वर्ष की महत्वपूर्ण घटनाओं को याद करते है पूरा वर्ष किस प्रकार की परिस्थितियों में व्यतीत हुआ उसका आंकलन करते है। तथा उस वर्ष रही कमियों को पूरा करने के लिए नए वर्ष के शुभ अवसर पर नया संकल्प लेते हैं और पूरी मेहनत और लगन से उस कार्य को करने में जुट जाते है। 31 दिसंबर को बाजारों में विशेष चहल-पहल देखने को मिलती है सभी बाजार रंगबिरंगी लाइटों, फूलों और सजावटी वस्तुओं से सजा दिया जाता है सभी लोग इस दिन नए कपड़े, मिठाईयां, नई वस्तुएं इत्यादि खरीदते है।

31 दिसंबर की संध्या को विशेष प्रकार के आयोजन किए जाते है धनी लोग बड़ी-बड़ी पार्टियां रखते हैं खूब गाने बजाते है और मौज मस्ती करते है इस दिन लगभग सभी होटल पार्टियों के लिए बुक कर दिए जाते हैं जिनमें नए साल के स्वागत के लिए विशेष प्रकार की कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। सामान्य लोग इस दिन पिकनिक पर जाते हैं और अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करते है। जैसे ही 31 दिसंबर की रात के 12:00 बजे हैं सभी लोग एक-दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं देते है। सभी लोग अपने प्रिय जनों को मिठाई के साथ पुष्प गुच्छ और अच्छे-अच्छे ग्रीटिंग कार्ड भेट करते है। कई बड़े देशों में इस अवसर पर विशेष प्रकार की आतिशबाजी की जाती है जो कि देखने में बहुत ही सुंदर लगती है। कई बड़ी-बड़ी संस्थाएं और लोग नव वर्ष के उपलक्ष पर स्नेह मिलन रखते हैं जिस पर सभी लोग मिलकर एक दूसरे को बधाई देते है।

हैप्पी न्यू इयर: सरदार टूक टूक

इस साल हमने बहुत सोचा विचारा
यहाँ तक कि अपना सर तक दीवार पे दे मारा
बहुतों से पूछा बहुतों ने बताया
फिर भी यह रहस्य समझ में नहीं आया
कि कल और आज में अंतर क्या है
आख़िर इस नए साल में क्या नया है

वही रोज़ की मारामारी
जीवन जीने की लाचारी
बढ़ती हुई महँगाई
सरकार की सफ़ाई
राशन की लाइन
ट्रैफ़िक का फाइन
गृहस्थी की किचकिच
आफ़िस की खिचखिच
सड़कों के गढ्ढे
नेताओं के फड्डे
लेफ्ट की चाल
बेटी की ससुराल
मुर्गी या अंडा
अमरीका का फंडा
खून का स्वाद
धर्म का उन्माद
एक सा अख़बार
फिर मर गए चार
राष्ट्रगान का अपमान
मेरा भारत महान
आज भी है वही जूता लात
न हम बदले हैं न हालात
सिर्फ़ सफ़ेद हो गए चार बाल
क्या इस लिए मनाएँ नया साल

अभी हमारा मन
इस चक्कर से नहीं था निकल पाया
तभी हमारा बेटा हमारे पास आया
बोला पापा क्या आप
इस साल भी रोज़ आफ़िस से लेट आओगे
हमारे साथ बिल्कुल टाइम नहीं बिताओगे
और आ के सारा टाइम सिर्फ़ टीवी निहारोगे
आफ़िस का सारा गुस्सा भी घर पर उतारोगे
सच कहूँ
जो साथ ले के चलते हैं दुनिया के ग़म
उनकी उम्र हो जाती है दस साल कम
क्या फ़र्क पड़ता है कि क्या होगा कल
खुश रहो आज जियो हर पल
जानते हैं मैंने ये पिटारा क्यों खोला है
क्योंकि चार दिन हो गए
आपने मुझे अभी तक हैप्पी न्यू इयर नहीं बोला है

तब हमें ये समझ में आया
कि कुछ बदलने के लिए हर पल मनाना बहुत ज़रूरी है
और हर खुशी बिना अपनों के साथ के अधूरी है
सो इस लिए आप को विश करता हूँ डियर
नव वर्ष की शुभकामनाएँ हैप्पी न्यू इयर।

∼ “हैप्पी न्यू इयर” Hindi poem by ‘सरदार टूक टूक’

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