गरीब की दिवाली

गरीब की दिवाली: एक हृदय विदारक कविता

पटाखों कि दुकान से दूर हाथों में,
कुछ सिक्के गिनते मैंने उसे देखा।

एक गरीब बच्चे कि आखों में,
मैने दिवाली को मरते देखा।

थी चाह उसे भी नए कपडे पहनने की,
पर उन्ही पूराने कपडो को मैने उसे साफ करते देखा।

हम करते है सदा अपने ग़मो कि नुमाईश,
उसे चूप-चाप ग़मो को पीते देखा।

जब मैने कहा, “बच्चे, क्या चहिये तुम्हे”?
तो उसे चुप-चाप मुस्कुरा कर “ना” में सिर हिलाते देखा।

थी वह उम्र बहुत छोटी अभी,
पर उसके अंदर मैने ज़मीर को पलते देखा।

रात को सारे शहर के दीपो कि लौ में,
मैने उसके हँसते, मगर बेबस चेहरें को देखा।

हम तो जीन्दा है अभी शान से यहा,
पर उसे जीते जी शान से मरते देखा।

लोग कहते है, त्योहार होते हैं जिंदगी मे खुशियों के लिए,
तो क्यो मैंने उसे मन ही मन मे घूटते और तरस्ते देखा?

व्हाट्सप्प पर शेयर की गयी

दिवाली

भारत एक ऐसा देश है जिसको त्योहारों की भूमि कहा जाता है। इन्हीं पर्वों में से एक खास पर्व है दीपावली जो दशहरा के 20 दिन बाद अक्तूबर या नवंबर के महीने में आता है। इसे भगवान राम के 14 साल का वनवास काटकर अपने राज्य में लौटने की खुशी में मनाया जाता है। अपनी खुशी जाहिर करने के लिये अयोध्या वासी इस दिन राज्य को रोशनी से नहला देते है साथ ही पटाखों की गूंज में सारा राज्य झूम उठता है।

दीपावली का मतलब होता है, दीपों की अवली यानी पंक्ति। इस प्रकार दीपों की पंक्तियों से सुसज्जित इस त्योहार को दीपावली कहा जाता है। दीवाली को रोशनी का उत्सव या लड़ीयों की रोशनी के रुप में भी जाना जाता है जो कि घर में लक्ष्मी के आने का संकेत है साथ ही बुराई पर अच्छाई की जीत के लिये मनाया जाता है। असुरों के राजा रावण को मारकर प्रभु श्रीराम ने धरती को बुराई से बचाया था। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अपने घर, दुकान, और कार्यालय आदि में साफ-सफाई रखने से उस स्थान पर लक्ष्मी का प्रवेश होता है। उस दिन घरों को दियों से सजाना और पटाखे फोड़ने का भी रिवाज है।

ऐसी मान्यता है कि इस दिन नई चीजों को खरीदने से घर में लक्ष्मी माता आती है। इस दिन सभी लोग खास तौर से बच्चे उपहार, पटाखे, मिठाइयां और नये कपड़े बाजार से खरीदते है। शाम के समय, सभी अपने घर में लक्ष्मी आराधना करने के बाद घरों को रोशनी से सजाते है। पूजा संपन्न होने पर सभी एक दूसरे को प्रसाद और उपहार बाँटते है साथ ही ईश्वर से जीवन में खुशियों की कामना करते है। अंत में पटाखों और विभिन्न खेलों से सभी दीवाली की मस्ती में डूब जाते है।

Check Also

Ram Navami Poems: Kosalendraya Mahaniya Guna Badhaye

Ram Navami Poems: Kosalendraya Mahaniya Guna Badhaye

Ram Navami Poems: Rama Navami is one of the most popular festivals in India. It …

One comment

  1. Nice and heart touching poetry